9 September 2025 Ka Panchang: यहां जानें आज का पंचांग, शुभ मुहूर्त, शुभ योग; नक्षत्र और राहुकाल
9 September 2025 Ka Panchang: यहां पढ़ें मंगलवार (9 सितंबर 2025) अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि का पंचांग, शुभ मुहूर्त, शुभ योग; नक्षत्र और राहुकाल।
9 September 2025 Ka Panchang: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 9 सितंबर 2025, मंगलवार को अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। यह दिन धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है, क्योंकि आज पितृ पक्ष की द्वितीया तिथि का श्राद्ध कर्म किया जाएगा। साथ ही आज सर्वार्थ सिद्धि योग, भाद्रपद नक्षत्र, और अशून्य शयन व्रत के योग भी बन रहे हैं, जो इसे और अधिक पावन और प्रभावशाली बनाते हैं। आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से आज के दिन के पंचांग के प्रमुख पहलू और शुभ-अशुभ समय।
आज का पंचांग
तिथि: द्वितीया (शाम 6:30 बजे तक), इसके बाद तृतीया
वार: मंगलवार
मास: आश्विन (कृष्ण पक्ष)
नक्षत्र: उत्तरा भाद्रपद (शाम 6:07 बजे तक), फिर रेवती
योग: सर्वार्थ सिद्धि योग (शाम 6:08 बजे तक)
पक्ष: कृष्ण
व्रत: अशून्य शयन व्रत
विशेष कर्म: द्वितीया तिथि का श्राद्ध
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:52 AM- 05:38 AM
प्रातः संध्या: 05:15 AM- 06:25 AM
अभिजीत मुहूर्त: 12:11 PM- 01:00 PM
विजय मुहूर्त: 02:39 PM- 03:28 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:46 PM- 07:09 PM
सायाह्न संध्या: 06:46 PM- 07:56 PM
अमृत काल: 08:20 AM- 10:06 AM
पितृ तर्पण का श्रेष्ठ समय
श्राद्ध और पितृ तर्पण के लिए आज का कुतुप मुहूर्त विशेष शुभ रहेगा।
कुतुप मुहूर्त: 11:53 AM- 12:43 PM
इस दौरान पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त
सूर्योदय: 06:25 AM
सूर्यास्त: 06:46 PM
चंद्रोदय और चंद्रास्त
चंद्रोदय: 11:19 AM
चंद्रास्त: 10:32 PM
राहुकाल
दिल्ली: 03:26- 05:00
मुंबई: 03:42- 05:14
लखनऊ: 03:11- 04:45
भोपाल: 03:24- 04:57
आज के धार्मिक और ज्योतिषीय संयोग
द्वितीया श्राद्ध- जिनके पितरों का निधन द्वितीया तिथि को हुआ था, आज उनका श्राद्ध कर पितरों को तर्पण अर्पित करें।
सर्वार्थ सिद्धि योग- यह योग जीवन के किसी भी कार्य को आरंभ करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
अशून्य शयन व्रत- यह व्रत वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है।
आज का धार्मिक संदेश
पितृ पक्ष आत्मिक उन्नति और पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर है। श्राद्ध और तर्पण से न केवल पितृ प्रसन्न होते हैं, बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि का भी वास होता है।