23 November 2025 Ka Panchang: यहां जानें आज का पंचांग, तिथि, शुभ मुहूर्त, योग; नक्षत्र और राहुकाल
23 November 2025 Ka Panchang: यहां पढ़ें रविवार (23 नवंबर 2025) मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का पंचांग, शुभ मुहूर्त, तिथि शुभ योग; नक्षत्र और राहुकाल।
By : रिलीजन डेस्क
Updated On 2025-11-23 05:20:00 IST
23 November 2025 Ka Panchang: हिंदू पंचांग के अनुसार 23 नवंबर 2025, रविवार को मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है, जो शाम 7 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से आज के दिन का पंचांग, सूर्य, चंद्रमा की स्थिति और शुभ-अशुभ समय।
हिंदू मास एवं संवत्सर
- शक संवत: 1947, विश्वावसु
- विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
- मास: मार्गशीर्ष
- पक्ष: शुक्ल पक्ष
आज की मुख्य तिथियां और समय
- तृतीया तिथि: 22 नवंबर शाम 5:11 बजे से शुरू होकर 23 नवंबर रात 7:25 बजे तक
- चतुर्थी तिथि का आरंभ: 23 नवंबर रात 7:25 बजे से 24 नवंबर रात 9:22 बजे तक
- वार: रविवार
नक्षत्र
- मूल नक्षत्र: 22 नवंबर शाम 4:46 बजे से 23 नवंबर शाम 7:27 बजे तक
- पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र: 23 नवंबर शाम 7:27 बजे से 24 नवंबर रात 9:53 बजे तक
- गण्डमूल अवधि भी आज 7:27 PM तक बनी रहेगी, जिसके बाद यह समाप्त हो जाएगा।
करण
- गर करण: सुबह 6:20 बजे से शाम 7:25 बजे तक
- वणिज करण: शाम 7:25 बजे से अगले दिन सुबह 8:26 बजे तक
योग
- धृति योग: 22 नवंबर सुबह 11:29 बजे से 23 नवंबर दोपहर 12:08 बजे तक
- शूल योग: 23 नवंबर दोपहर 12:08 बजे से 24 नवंबर दोपहर 12:36 बजे तक
सूर्य व चंद्र का विवरण
- सूर्योदय: सुबह 6:50 बजे
- सूर्यास्त: शाम 5:36 बजे
- चंद्र उदय: सुबह 9:21 बजे
- चंद्रास्त: शाम 7:58 बजे
- सूर्य की स्थिति: सूर्य आज वृश्चिक राशि में संचार कर रहा है।
- चंद्रमा: आज धनु राशि में गोचर करेगा।
आज का अशुभ काल
- राहुकाल: 4:15 PM – 5:36 PM
- यमघंट: 12:13 PM – 1:34 PM
- गुलिक काल: 2:54 PM – 4:15 PM
- दुर्मुहूर्त: 4:10 PM – 4:53 PM
- वर्ज्य: 5:39 PM – 7:26 PM तथा 6:01 AM – 7:47 AM
आज के शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: 11:51 AM – 12:34 PM
- अमृत काल: 12:24 PM – 2:11 PM
- ब्रह्म मुहूर्त: 5:14 AM – 6:02 AM
- निशीथ काल: 11:17 PM – 12:09 AM (24 नवंबर)
- प्रदोष काल: 6:31 PM – 7:41 PM
आनन्दादि योग
सिद्धि योग: शाम 7:27 बजे तक इसके पश्चात शुभ योग की स्थिति