21 November 2025 Ka Panchang: यहां जानें आज का पंचांग, तिथि, शुभ मुहूर्त, योग; नक्षत्र और राहुकाल
21 November 2025 Ka Panchang: यहां पढ़ें शुक्रवार (21 नवंबर 2025) मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का पंचांग, शुभ मुहूर्त, तिथि शुभ योग; नक्षत्र और राहुकाल।
By : रिलीजन डेस्क
Updated On 2025-11-21 06:40:00 IST
21 November 2025 Ka Panchang: हिंदू पंचांग के अनुसार 21 नवंबर 2025, शुक्रवार को मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, जो दोपहर 2 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। इसके बाद शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि शुरू हो जाएगी। यहां जानें ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मनीष गौतम जी महाराज से आज के दिन का पंचांग, सूर्य, चंद्रमा की स्थिति और शुभ-अशुभ समय।
हिन्दू मास और संवत्सर
- शक संवत: 1947, विश्वावसु
- विक्रम संवत: 2082, कालयुक्त
- माह: मार्गशीर्ष (शुक्ल पक्ष)
- वार: शुक्रवार
आज की प्रमुख तिथियां
- प्रतिपदा तिथि: 20 नवंबर दोपहर 12:17 बजे से 21 नवंबर दोपहर 02:47 बजे तक
- द्वितीया तिथि: 21 नवंबर दोपहर 02:47 बजे से 22 नवंबर शाम 05:11 बजे तक
नक्षत्र
- अनुराधा नक्षत्र: 20 नवंबर सुबह 10:58 बजे से 21 नवंबर दोपहर 01:55 बजे तक
- ज्येष्ठा नक्षत्र: 21 नवंबर दोपहर 01:55 बजे से 22 नवंबर शाम 04:46 बजे तक
करण
- बव: 21 नवंबर 01:33 AM-02:47 PM
- बालव: 21 नवंबर 02:47 PM-22 नवंबर 04:00 AM
- कौलव: 22 नवंबर 04:00 AM-05:11 PM
योग
- अतिगण्ड योग: 20 नवंबर 09:52 AM-21 नवंबर 10:43 AM
- सुकर्मा योग: 21 नवंबर 10:43 AM-22 नवंबर 11:29 AM
सूर्य और चंद्र की स्थिति
- सूर्योदय: 6:48 AM
- सूर्यास्त: 5:36 PM
- चन्द्रोदय: 21 नवंबर सुबह 7:35 AM
- चन्द्रास्त: 21 नवंबर शाम 6:16 PM
- सूर्य राशि: वृश्चिक
- चंद्र राशि: वृश्चिक
आज का अशुभ काल
- राहुकाल: 10:51 AM-12:12 PM
- यमगण्ड: 2:54 PM-4:15 PM
- कुलिक: 8:09 AM-9:30 AM
दुर्मुहूर्त
- 08:58 AM-09:41 AM
- 12:34 PM-01:17 PM
- वर्ज्यम्: 08:11 PM-09:58 PM
- गण्डमूल: 21 नवंबर 01:55 PM-22 नवंबर 04:46 PM
आज के शुभ समय
- अभिजीत मुहूर्त: 11:51 AM-12:34 PM
- ब्रह्म मुहूर्त: 05:13 AM-06:01 AM
- निशीथ काल: 11:17 PM-12:09 AM (22 नवंबर)
- प्रदोष काल: 06:31 PM-07:41 PM
आज का आनंदादि योग
राक्षस योग: 01:55 PM तक उसके बाद चर योग प्रभावी
त्योहार और व्रत
आज मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा होने के कारण भगवान विष्णु की आराधना, दान-पुण्य, तथा गुरुवार-संबंधी व्रत करने का विशेष महत्व है। चंद्र दर्शन का भी शुभ योग बन रहा है, इसलिए शाम के समय चंद्रमा को जल अर्पित करना फलदायी माना गया है।