अरूण जेटली ने कहा, UPA सरकार के निर्देश पर शाह को फंसाया गया

अरूण जेटली ने कहा, UPA सरकार के निर्देश पर शाह को फंसाया गया
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साल 2005 में सोहराबुद्दीन एंकाउंटर और 2006 में तुलसी प्रजापति एंकाउटर मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने अमित शाह को राहत दी है।

मुबई.बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के कोर्ट से आरोप खारिज होने के बाद अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख और तुलसी प्रजापति की कथित हत्या के मामले में तत्कालीन केंद्र सरकार के निर्देश पर फंसाया गया था। उन्होने कहा शाह के खिलाफ कोई सुबूत नहीं थे और यह बात अब साबित हो गई है।

गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को मुंबई की विशेष सीबीआइ अदालत ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने उनके आरोप मुक्त किये जाने की संबंधी याचिका को स्वीकार कर लिया है। ज्ञात हो कि अमित शाह पर साल 2005 का सोहराबुद्दीन मामला व साल 2006 के तुलसी प्रजापति इनकाउंटर मामले में आरोप था। तब इस मामले में शाह को 2006 में गुजरात कैबिनेट से गृह राज्य मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इस मामले में शाह काफी लंबे समय तक अपने गृह राज्य से बाहर भी रहे।

गौरतलब है कि सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही थी। सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले में शाह का नाम भी आरोपियों में शामिल था। जिसके बाद शाह ने खुद को आरोप मुक्‍त करने के लिए अर्जी दाखिल की थी।

जानकारी के मुताबिक सोहराबुद्दीन शेख नवंबर 2005 को अपनी पत्‍नी के साथ हैदराबाद से सांगली जा रहा था। जिस दौरान रास्‍ते में ही गुजरात के एंटी टेरीरिज्‍म स्‍क्‍वाड ने उन दोनों का अपहरण कर लिया था और फिर उनकी फर्जी मुठभेड़ में हत्‍या कर दी गयी थी। मामले के करीब साल भर बाद इस मुठभेड़ के एकमात्र गवाह तुलसीराम प्रजापति की भी फर्जी मुठभेड़ में हत्‍या कर दी गयी थी। सोहराबुद्दीन का नाम लश्‍कर-ए -तैयबा से जुड़े होने की खबरे मिली थीं।

इस मामले के आरोपियों में गुजरात के तत्‍कालीन गृहमंत्री अमित शाह का नाम भी सामने आया था। और कहा गया उनकी ही अनुमति से फर्जी मुठीभेड़ हुआ जिसमें सोहराबुद्दीन को मार दिया गया। मामले को सज्ञान में लेते हुए शाह समेत अन्‍य 37 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी थी। जिसके बाद मामले से संबधित लगभग सभी आरोपियों को मुंबई हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी।

गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इस साल की शुरुआत में ही मामले से अपना नाम हटाने की अर्जी दायर करते हुए कहा था कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनका नाम इस मामले में लाया गया है। सीबीआई कोर्ट ने शाह के खिलाफ घटना की साजिश रचने और सबूत मिटाने का केस दर्ज किया था।

नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, क्या था पूरा मामला
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