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Sam Pitroda new controversy Remarks: इससे पहले पित्रोदा ने अमेरिका में प्रचलित विरासत कर पर बोलते हुए विवाद खड़ा कर दिया था और कहा था कि अमेरिका जैसे कानून की भारत में भी आवश्यकता है। 

Sam Pitroda new controversy Remarks: अभी विरासत टैक्स की चिंगारी को कांग्रेस पूरी तरह से बुझा भी नहीं पाई थी कि सैम पित्रोदा ने नस्लभेदी टिप्पणी कर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भारत की विविधता पर बयानबाजी कर लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के लिए सेल्फ गोल कर दिया है। सैम ने कहा कि दक्षिण भारत में रहने वाले लोग अफ्रीकियों की तरह दिखते हैं और पूर्व में रहने वाले चीन वालों की तरह दिखते हैं। पश्चिम भारत में रहने वाले अरबों की तरह दिखते हैं। बावजूद इसके हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं। 

सैम पित्रोदा के बयान पर असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने पलटवार किया है। हिमंता ने कहा- सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं- हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। असम के सीएम ने सैम पित्रोदा को सलाह देते हुए कहा कि हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो।

अब जानिए सैम पित्रोदा ने और क्या-क्या कहा?
दरअसल, सैम पित्रोदा 'द स्टेट्समैन' को इंटरव्यू दे रहे थे। उन्होंने भारत में लोकतंत्र पर अपने विचार रखे, लेकिन भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों की विवादित रूप से तुलना करते नजर आए। सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत दुनिया में लोकतंत्र का एक शानदार उदाहरण है। हम 75 वर्षों से बहुत खुशहाल माहौल में रह रहे हैं, जहां लोग यहां-वहां के कुछ झगड़ों को छोड़कर एक साथ रह सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है। एक तरफ जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, वहीं पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं। उत्तर के लोग गोरे जैसे दिखते हैं और शायद दक्षिण के लोग अफ्रीकी जैसे दिखते हैं। भारत के लोग विभिन्न भाषाओं, धर्म, भोजन और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होते हैं। यह वह भारत है, जिसमें मैं विश्वास करता हूं, जहां हर किसी के लिए जगह है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है।

विरासत टैक्स को लेकर खड़ा किया था विवाद
इससे पहले पित्रोदा ने अमेरिका में प्रचलित विरासत कर पर बोलते हुए विवाद खड़ा कर दिया था और कहा था कि अमेरिका जैसे कानून की भारत में भी आवश्यकता है। 

उन्होंने कहा था कि अमेरिका में विरासत कर है। यदि किसी के पास 100 मिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 प्रतिशत अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है। 55 प्रतिशत सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प कानून है। 

पित्रोदा ने कहा था कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। पूरी नहीं तो आधी ही। यह मुझे उचित लगता है।

कांग्रेस ने किया था किनारा, भाजपा ने जमकर घेरा
कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से खुद को अलग कर लिया था। वहीं भाजपा ने भी जमकर आलोचना की थी। तब पित्रोदा ने इस मुद्दे को कमतर करने की कोशिश करते हुए कहा कि उन्होंने उदाहरण के तौर पर केवल अमेरिका में विरासत कर का हवाला दिया था।

पित्रोदा ने एक्स पोस्ट में कहा कि किसने कहा कि 55 प्रतिशत छीन लिया जाएगा? किसने कहा कि भारत में ऐसा कुछ किया जाना चाहिए? भाजपा और मीडिया क्यों घबराए हुए हैं? मैंने टीवी पर अपनी सामान्य बातचीत में केवल एक उदाहरण के रूप में अमेरिका में अमेरिकी विरासत कर का उल्लेख किया था कि ऐसा कर सकते हैं। मैंने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर लोगों को चर्चा और बहस करनी होगी। इसका कांग्रेस सहित किसी भी पार्टी की नीति से कोई लेना-देना नहीं है। 

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