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Patiala Manvi Death Case: जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय जिंदल ने बताया कि केक का सैंपल जांच के लिए लिया गया था। रिपोर्ट आ गई है। इससे पता चला है कि केक को बनाने के लिए अत्याधिक मात्रा में सैकरीन मिलाया गया था।

Patiala Manvi Death Case: पंजाब के पटियाला की 10 वर्षीय मानवी आपको जरूर याद होगी...। इस मासूम बच्ची की उसके बर्थडे पर 24 मार्च को केक खाने से मौत हो गई थी। परिवार ने बच्ची के बर्थडे पर ऑनलाइन केक ऑर्डर किया था। केक खाने के बाद मानवी तो हमेशा के लिए गहरी नींद में सो गई, उसके परिवार के 4 अन्य भी बड़ी मुश्किल से बचे थे। फिलहाल, नमूनों की जांच के नतीजे आ गए हैं। केक में सिंथेटिक स्वीटनर मिला था। जिसका नाम सैकरीन है। इसका इस्तेमाल केक की मिठास बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। 

बेकरी पर होगी कार्रवाई, जुर्माना भी लगेगा
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विजय जिंदल ने बताया कि केक का सैंपल जांच के लिए लिया गया था। रिपोर्ट आ गई है। इससे पता चला है कि केक को बनाने के लिए अत्याधिक मात्रा में सैकरीन मिलाया गया था। सैकरीन एक सिंथेटिक यौगिक है। भोजन और पेय पदार्थों में थोड़ी मात्रा में सैकरीन का उपयोग किया जाता है। यदि इसका लेवल अधिक कर दें तो इससे ब्लड शुगर का लेवल तेजी से बढ़ जाता है। 

अधिकारियों ने कहा कि बेकरी के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना लगाया जा सकता है। बेकरी के मालिक के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। 

मानवी का आखिरी VIDEO...

खाने के बाद शुरू हो गई थीं उल्टियां
दरअसल, पटियाला के अमन नगर की रहने वाली काजल ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि 24 मार्च की शाम 6 बजे ऑनलाइन कंपनी से केक ऑर्डर किया था। साढ़े 6 बजे के करीब केक घर पहुंचा। सवा सात बजे केक काटा गया। केक खाने के बाद मानवी सहित अन्य पारिवारिक सदस्यों की हालत खराब हो गई थी। सबको उल्टियां की समस्या आ रही थीं।

उसकी छोटी बहन की तबीयत खराब हो गई थी। फिर उसे अस्पताल लेकर गए। अगली सुबह साढ़े 5 बजे अस्पताल में बच्ची मौत हो गई। जबकि छोटी बच्ची को बड़ी मुश्किल से बचाया गया। बाकी परिवार के लोगों की भी तबीयत बिगड़ गई थी, किसी तरह उन्हें बचाया गया। बच्ची का केक काटते हुए वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था। 

सैकरीन कितना नुकसानदायक?
सैकरीन की अधिक मात्रा से आंत में बैक्टीरिया के संतुलन को नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आंतों में माइक्रोबियल परिवर्तन ने टाइप टू डायबिटीज, मोटापा और दुर्लभ मामलों में कैंसर भी हो सकता है। 

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