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Pranayama Benefits: प्राणायाम का रोजाना अभ्यास आपकी फिजिकल हेल्थ के साथ ही मेंटल हेल्थ को भी लाभ पहुंचाता है। आइए जानते हैं इसके फायदे और अभ्यास का तरीका।

Pranayama Benefits: प्राणायाम एक यौगिक क्रिया है जिसे करने से शरीर को बड़ा फायदा मिलता है। प्राणायाम करने से शारीरिक के साथ मानसिक सेहत भी दुरुस्त होती है। आजकल की भागदौड़ भरी लाइफ में तनाव और चिंता हर किसी के हिस्से में आ चुकी है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए नियमित प्राणायाम करने बेहद लाभकारी हो सकता है। बिना दवा के ही आप प्राणायाम के दम पर अपने मन को स्थिर कर सकते हैं। 

प्राणायाम करने से कई तरह के फायदे मिलते हैं। इससे श्वसन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। प्राणायाम हार्ट के लिए अच्छा होता है और फेफड़ों को मजबूत बनाता है। प्राणायाम हमेशा योग्य प्रशिक्षक की सलाह के बाद ही करना चाहिए। आइए जानते हैं प्राणायाम के लाभ और अलग-अलग प्राणायाम करने के तरीके। 

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प्राणायाम के लाभ

तनाव और चिंता कम करता है: प्राणायाम करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।

एकाग्रता बढ़ाता है: प्राणायाम से एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।

पाचन क्रिया में सुधार करता है: प्राणायाम करने से पाचन क्रिया मजबूत होती है और कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: प्राणायाम करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।

दिल की सेहत में सुधार करता है: प्राणायाम करने से रक्तचाप और हृदय गति नियंत्रित होती है, जिससे हृदय स्वास्थ्य बेहतर होता है।

वजन कम करने में मदद करता है: प्राणायाम करने से चयापचय क्रिया बढ़ती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

नींद में सुधार करता है: प्राणायाम करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और अनिद्रा की समस्या दूर होती है।

प्राणायाम करने का तरीका
प्राणायाम करने के लिए सबसे पहले शांत और आरामदायक जगह ढूंढें। बैठने की मुद्रा सीधी और आरामदायक होनी चाहिए। रीढ़ की हड्डी सीधी हो और आँखें बंद हों। शुरुआत में एक से दो मिनट तक गहरी और लंबी सांसें लें। उसके बाद प्राणायाम की शुरुआत करें। 

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कुछ आसान प्राणायाम

अनुलोम विलोम: इस प्राणायाम में एक नाक से श्वास अंदर लें और दूसरी नाक से श्वास छोड़ें।

भ्रामरी प्राणायाम: इस प्राणायाम में श्वास लेते समय भौंरों के मधुर गुंजन जैसी आवाज आती है।

कपालभाति: इस प्राणायाम में तेजी से और ज़ोर से श्वास अंदर और बाहर निकाली जाती है।

शीतली प्राणायाम: इस प्राणायाम में जीभ को बाहर निकालकर उस पर से श्वास ली जाती है।

इन बातों का रखें ध्यान
प्राणायाम करने से पहले योग्य गुरु या प्रशिक्षक से सलाह लें। शुरुआत में कम अवधि के लिए प्राणायाम करें और धीरे-धीरे अवधि बढ़ाएं। खाली पेट प्राणायाम न करें। प्राणायाम करते समय ढीले-ढाले और आरामदायक कपड़े पहनें। प्राणायाम के दौरान कोई भी तकलीफ होने पर तुरंत रोक दें।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श से जरूर लें।)

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