Putin India Visit: यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार भारत आएंगे राष्ट्रपति पुतिन, NSA अजित डोभाल ने की पुष्टि

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रूसी राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो)

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल के आखिर में भारत दौरे पर आ सकते हैं। NSA अजित डोभाल ने पुष्टि की है। यह दौरा यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी।

Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल (2025) के अंत तक भारत दौरे पर आ सकते हैं। यह जानकारी भारत के राष्ट्रीय सुरशषा सलाहसहर (NSA) अजित डोभाल ने रूी न्यूज एजेंसी को दी है। यह दौरा खास इसलिए है कि यूक्रेन युद्ध के बाद यह पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी।

अजित डोभाल इन दिनों रूस की यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से मुलाकात की। उन्होंने कहा, "भारत और रूस के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी है, और हम इस रिश्ते को बेहद अहम मानते हैं।"

आखिरी बार 2021 में भारत आए थे पुतिन

पुतिन आखिरी बार दिसंबर 2021 में भारत दौरे पर आए थे, जब दोनों देशों के बीच 28 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। इनमें सैन्य और तकनीकी सहयोग भी शामिल था। उस समय 2025 तक 30 अरब डॉलर सालाना व्यापार का लक्ष्य तय किया गया था।

अब उम्मीद की जा रही है कि इस दौरे में 2030 के लिए नया आर्थिक रोडमैप तैयार किया जाएगा। फिलहाल भारत-रूस के बीच करीब 60 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है, जिसे बढ़ाकर 100 अरब डॉलर से अधिक करने की योजना है।

पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी

यूक्रेन युद्ध के बाद मार्च 2023 में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था, जिसके बाद से वे विदेशी यात्राओं से बचते रहे हैं। उन्होंने पिछले साल G20 समिट में भी भाग नहीं लिया था, और इस साल ब्राजील में होने वाले समिट में भी उनकी जगह रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव शामिल हुए।

भारत बना रूस से तेल खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश

यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूसी तेल आयात में भारी वृद्धि की है। युद्ध से पहले भारत सिर्फ 0.2% (68 हजार बैरल प्रतिदिन) तेल रूस से खरीदता था, लेकिन अब यह आंकड़ा 17-20 लाख बैरल प्रतिदिन तक पहुंच चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दो वर्षों में भारत ने 130 अरब डॉलर से ज्यादा का रूसी तेल खरीदा है। इससे दोनों देशों के आर्थिक संबंध और भी गहरे हुए हैं।

डोभाल की मॉस्को यात्रा क्यों है खास?

'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद अजित डोभाल की यह पहली मॉस्को यात्रा है और अमेरिका के हालिया बयान के बीच यह यात्रा रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम मानी जा रही है। संभावना है कि डोभाल, पुतिन से सीधे भी मुलाकात कर सकते हैं।

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