अमेरिका तीसरी बार UNESCO से बाहर: संगठन पर 'एंटी-इजरायल एजेंडा' चलाने का आरोप

अमेरिका ने तीसरी बार UNESCO से बाहर होने का फैसला किया।
U.S Withdraws from UNESCO: अमेरिका ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) से बाहर होने का फैसला किया है। यह तीसरी बार है जब अमेरिका ने यूनेस्को की सदस्यता को समाप्त करने का निर्णय लिया है। अमेरिका का कहना है कि संगठन में बने रहना उसके 'राष्ट्रीय हित' में नहीं है।
यूनेस्को से क्यों हुआ अमेरिका?
अमेरिका ने आरोप लगाया है कि यूनेस्को, फिलीस्तीन को बतौर सदस्य शामिल करने जैसे फैसलों के जरिए एंटी-इजरायल सोच को बढ़ावा दे रहा है। यूएस का मानना है कि यह उसके विदेश नीति के सिद्धांतों और इजरायल के साथ उसके संबंधों के खिलाफ है। इसके अलावा, यूनेस्को का संयुक्त राष्ट्र के 'सतत विकास लक्ष्यों' (SDGs) पर जरूरत से ज्यादा फोकस करने को भी अमेरिका ने गलत ठहराया है। अमेरिका की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत वह ऐसे एजेंडे को समर्थन नहीं देना चाहता।
तीसरी बार यूनेस्को से बाहर हुआ अमेरिका
यह तीसरा मौका है जब अमेरिका ने यूनेस्को से खुद को बाहर होने का फैसला किया है। पहली बार अमेरिका 1984 में राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के शासनकाल में यूनेस्को से बाहर हुआ था। तब संगठन में भ्रष्टाचार, राजनीति हावी होने और एंटी-वेस्ट एजेंडा का आरोप लगा था।
However regrettable, the announcement of the United States to withdraw from the Organization was anticipated, and @UNESCO has prepared for it.
— UNESCO 🏛️ #Education #Sciences #Culture 🇺🇳 (@UNESCO) July 22, 2025
Read the full statement by the Director-General, @AAzoulay, to learn more: https://t.co/yBRPkglReg pic.twitter.com/RTJd6ojTFf
दूसरी बार 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका ने यूनेस्को से खुद को अलग कर लिया था। तब यूनेस्को में इजरायल विरोधी फैसलों और बकाया फीस को वजह बताया गया था।
अब तीसरी बार, दो साल पहले ही यूनेस्को में शामिल के बाद, अमेरिका ने 31 दिसंबर 2026 से औपचारिक रूप से बाहर होने का ऐलान कर दिया।
क्या बोले अमेरिकी अधिकारी?
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने इस फैसले पर बयान जारी किया। जिसमें उन्होंने कहा, ''यूनेस्को संविधान के अनुच्छेद II(6) के तहत अमेरिका की वापसी 31 दिसंबर 2026 से प्रभावी होगी। अमेरिका तब तक यूनेस्को का पूर्ण सदस्य बना रहेगा।''
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका अब अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए वैश्विक संगठनों में भागीदारी करेगा।
क्या है UNESCO?
यूनेस्को का पूरा नाम संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1945 में हुई थी। इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में स्थित है। यूनेस्को का मुख्य उद्देश्य शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और संचार के माध्यम से वैश्विक शांति और विकास को बढ़ावा देना है। विश्व धरोहर स्थलों की मान्यता देने से लेकर शिक्षा नीति, सांस्कृतिक विविधता, वैज्ञानिक सहयोग और मीडिया स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर काम करना यूनेस्को का प्रमुख कार्य है। वर्तमान में 190 से अधिक देश इस संगठन के सदस्य हैं।
आपको बता दें कि भारत भी यूनेस्को का सदस्य है। भारत साल 1946 में यूनेस्को का सदस्य बना था और तब से अब तक वह इस संगठन के विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों में सक्रिय भागीदारी निभा रहा है।
