US Tariff 2025: भारत पर 50% शुल्क, जानें किस देश पर कितना टैक्स लगा

US Tariff: अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर अब 50% टैरिफ, डोनाल्ड ट्रंप ने जारी की अधिसूचना
US Tariff on India 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति ने आज (7 अगस्त, गुरुवार) से भारत समेत 70 देशों पर नई टैरिफ नीति लागू कर दी। इन देशों को अमेरिकी मार्केट में अब अपने उत्पादों पर 10% से 100% तक आयात शुल्क चुकानी पड़ेगी। डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे बड़ा झटका भारत, सीरिया और म्यांमार को दिया है। इन देशों में 50 फीसदी से अधिक टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
भारत को सबसे बड़ा झटका: 50% टैरिफ लागू
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत पर पहले ही 25% टैरिफ की घोषणा की थी। अब, 27 अगस्त से 25% अतिरिक्त शुल्क लागू करने का ऐलान किया है। इससे कुल टैरिफ 50% हो जाएगा। ट्रंप ने कहा, भारत सालों से अमेरिका पर व्यापारिक लाभ उठा रहा है, लेकिन ऊर्जा और सैन्य खरीद रूस से करता है। नई टैरिफ नीति से अब अमेरिका को अरबों डॉलर मिलेंगे।
US Tariff : किस देश पर कितना टैरिफ?
देश टैरिफ (%)
भारत 50% (27 अगस्त से)
चीन 30%
लाओस 60%
म्यांमार 70%
सीरिया 80%
वियतनाम 20%
ब्राजील 15%
जर्मनी 10%
मैक्सिको 12%
थाईलैंड 25%
रूस 35%
ईरान 75%
साउथ कोरिया 10%
इंडोनेशिया 18%
(ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के आंकड़ों के अनुसार)
ट्रंप का मकसद: अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग वापस लाना
डोनाल्ड ट्रंप ने सेमीकंडक्टर आयात पर भी 100% टैरिफ लागू कर दिया है। हालांकि, इसमें उन कंपनियों को छूट दी गई है, जो अमेरिका में निर्माण कर रही हैं या भविष्य में निर्माण की प्रतिबद्धता दे चुकी हैं। ट्रंप ने ट्रुथ में सोशल मीडिया पोस्ट लिखकर बताया कि जो देश अमेरिका से सालों से फायदा उठा रहे थे, अब उन्हें कीमत चुकानी होगी।
क्या होगा असर?
अमेरिका की औसत टैरिफ दर 15.2% तक पहुंच गई है। जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे ऊंची दर है। पिछले वर्ष यह दर 2.3% थी। डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति से भारतीय निर्यातकों को बड़ा झटका लगने वाला है। अमेरिका में कीमतें बढ़ेंगी, जिससे भारतीय वस्तुओं की डिमांड घट सकती है। अमेरिकी एक्सपोर्टर वियतनाम, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों को विकल्प बना सकते हैं।
भारत की प्रतिक्रिया: PM मोदी का सख्त बयान
अमेरिका के अतिरिक्त टैरिफ पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हित से कभी समझौता नहीं करेगा। इसके लिए वह कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे इकनॉमिक ब्लैकमेलिंग बताया है।
