डोनाल्ड ट्रंप को झटका: US की अपील कोर्ट ने टैरिफ को बताया गैरकानूनी, जानें अब क्या होगा?

डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका: US की अपील कोर्ट ने टैरिफ को बताया गैरकानूनी
Trump Tariffs Illegal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने शुक्रवार को उनके द्वारा लगाए गए अधिकांश टैरिफ को गैरकानूनी बताया है। कोर्ट ने कहा, राष्ट्रपति को कुछ आपातकालीन शक्तियां मिली हैं, लेकिन टैरिफ या टैक्स लगाने का इस तरह का अधिकार संविधान में निहित नहीं है।
14 अक्टूबर तक लागू रहेंगे टैरिफ
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि 14 अक्टूबर 2025 तक अपील का समय है, इसके बाद ये विवादित टैरिफ हटाने होंगे। हालांकि, ट्रंप ने फैसले को पक्षपातपूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देनी की बात कही है।
ट्रंप बोले- कोर्ट का फैसला पक्षपातपूर्ण
ट्रंप ने कोर्ट के फैसले को गलत और पक्षपातपूर्ण बताया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा-सभी टैरिफ अब भी लागू हैं। अदालत ने आज एक पक्षपातपूर्ण और गलत फैसला दिया है, लेकिन अमेरिका अंत में जीतेगा। ट्रंप ने कहा, सुप्रीम कोर्ट से वे इन टैरिफ को वैध घोषित करवाएंगे। अगर ये टैरिफ हटा दिए गए तो अमेरिका के लिए आपदा होगी।
IEEPA क्या है? राष्ट्रपति को इसमें कितनी पॉवर
इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA)-1977 अमेरिका में आपातकालीन स्थिति में राष्ट्रपति को कुछ विशेष शक्तियाँ देता है। इनमें दुश्मन देशों पर प्रतिबंध लगाना या संपत्ति जब्त करना भी शामिल है। अमेरिकी इतिहास में IEEPA का उपयोग कर टैरिफ लगाने वाले ट्रंप पहले राष्ट्रपति हैं। उन्होंने इसके लिए अमेरिका में व्यापार घाटा और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गिरावट का हवाला दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने मादक पदार्थों की तस्करी को राष्ट्र के लिए खतरा बताते हुए चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाने की बात कही है। हालांकि, कोर्ट ने उनके तर्कों को नकारते हुए कहा, IEEPA का मूल उद्देश्य यह नहीं है। कांग्रेस ने राष्ट्रपति को असीमित टैक्स लगाने का अधिकार नहीं दिया।
US संविधान क्या कहता है?
अमेरिकी संविधान के अनुसार, टैक्स और टैरिफ लगाने की शक्ति सिर्फ कांग्रेस के पास है। किसी कंडीशन में अगर यह शक्ति यदि राष्ट्रपति को दी भी जाती है तो वह स्पष्ट और सीमित रूप में दी जानी चाहिए। ताकि, इसका दुरुपयोग न किया जा सके।
ट्रंप टैरिफ पर पहले भी उठ चुके सवाल
अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने 28 मई 2025 को ट्रंप टैरिफ को असंवैधानिक ठहराया है। खास बात यह कि फैसला सुनाने वाले पैनल में ट्रंप द्वारा नियुक्त एक जज भी शामिल थे। वाशिंगटन डीसी की एक अन्य अदालत भी इस टैरिफ को अवैध बता चुकी है। ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर अब तक 8 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। कैलिफोर्निया में भी एक केस दर्ज है।
अब आगे क्या होगा?
अब ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि वह इस फैसले को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। ट्रंप के समर्थक इस फैसले को न्यायिक अतिक्रमण मानते हैं, जबकि आलोचक इसे संवैधानिक संतुलन की दिशा में एक अहम कदम बता रहे हैं।
ट्रंप की टैरिफ-आधारित आर्थिक नीति को अमेरिकी न्यायपालिका से करारा झटका मिला है। अब नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रहेंगी। आने वाले महीनों में यह केस अमेरिका की व्यापार नीति, राष्ट्रपति की शक्तियों और वैश्विक व्यापार पर गहरा असर डालेगा।
