ईरान पर US का हवाई हमला: ट्रम्प बोले- 'परमाणु ठिकानें नष्ट किए, अब रुकेगा मिडिल ईस्ट का गुंडा; ईरान ने किया पलटवार

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी का हवाई हमला, डोनाल्ड ट्रंप ने खामनेई को चेताया।
iran israel war Latest Update: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार देर रात राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित अपने संबोधन में दावा किया कि अमेरिका ने ईरान के 3 प्रमुख परमाणु ठिकानों (फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान) पर सफलतापूर्वक हवाई हमले किए हैं। उन्होंने इन हमलों को शानदार सैन्य सफलता बताया। साथ ही चेताया कि ईरान यदि शांति की राह नहीं अपनाता तो अगले हमले और भी बड़े और अधिक विनाशकारी होंगे।
ट्रम्प के संबोधन की मुख्य बातें
- परमाणु खतरा: यूएस प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने के लिए यह एक निर्णायक कार्रवाई थी। हमने ईरान की संवर्धन क्षमता को पूरी तरह नष्ट कर दिया है।
- मध्य पूर्व का गुंडा: डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को ‘मध्य पूर्व का गुंडा’ कहा। साथ ही स्पष्ट किया कि यदि वह पीछे नहीं हटता तो अमेरिका के पास और भी विकल्प हैं।
- टीमवर्क: ट्रम्प ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह एक संयुक्त प्रयास था।
- अमेरिका की मौत: डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका अब और बर्दाश्त नहीं करेगा कि उसके सैनिक ईरानी हमलों का निशाना बनें।
- अगला टारगेट: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेताया कि ईरान यदि शांत नहीं होता तो अधिकतर लक्ष्य मिनटों में खत्म किए जा सकते हैं।
ईरान का पलटवार 'कोई नुकसान नहीं हुआ'
- ईरानी अधिकारियों ने ट्रम्प के दावों को खारिज करते हुए कहा कि तीनों परमाणु स्थलों को पहले ही खाली कर दिया गया था। अमेरिकी हमलों से कोई भौतिक या परमाणु क्षति नहीं हुई है।
- ईरानी टेलीविजन पर अधिकारी हसन अबेदिनी ने बताया कि हमलों से पहले ही सामग्री हटा ली गई थी। IRNA ने कहा कि हमले जिन साइटों पर हुए, वहां ऐसी कोई सामग्री नहीं थी, जो परमाणु विकिरण फैला सकती।
- स्थानीय अधिकारियों ने हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस्फ़हान और नतांज़ के पास विस्फोटों की आवाज़ें सुनी गईं, लेकिन कोई व्यापक नुकसान नहीं।
ईरान पर अमेरिका के हमले का असर?
यह हमला मध्य पूर्व में तनाव को एक खतरनाक स्तर पर ले जा सकता है। अमेरिका और ईरान के बीच पहले से चले आ रहे तनाव में यह कार्रवाई निर्णायक मोड़ ला सकती है। इजरायल के साथ अमेरिका की बढ़ती सैन्य साझेदारी और ईरान की प्रतिक्रिया पर अब संयुक्त राष्ट्र की भी नजर रहेगी।
