अस्पताल में हिंसक झड़प: सीरिया में हथियारबंद जवानों ने की धुआंधार फायरिंग, स्वास्थ्य कर्मचारियों ने टेके घुटने

अस्पताल में हिंसक घटना: सीरिया के हथियारबंद वर्दीधारियों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर बरसाईं गोलियां
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अस्पताल में हिंसक घटना: सीरिया के हथियारबंद वर्दीधारियों ने स्वास्थ्य कर्मियों पर बरसाईं गोलियां 

सीरिया के स्वेदा राष्ट्रीय अस्पताल में हिंसक घटना। हथियारबंद लोगों ने स्वास्थ्य कर्मियों की धुंआधार फायरिंग। जांच के आदेश। पढ़ें पूरी खबर

Syria Sweida hospital firing: सीरिया के स्वेदा राष्ट्रीय अस्पताल से एक हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है। इसमें हथियारबंद वर्दीधारी चिकित्साकर्मियों पर धुआंधार गोली बरसाते देखे जा रहे हैं। घटना कब की है? इस बात की पुष्टि तो नहीं हुई, लेकिन दुनियाभर से इसकी निंदा हो रही है। मानवाधिकार संगठनों ने चिंता जताते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सीरिया के स्वेदा राष्ट्रीय अस्पताल परिसर में हुए इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर लोग तरह तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। लोगों ने न सिर्फ निंदा घटना की निंदा की है, बल्कि सीरिया की कानून व्यवस्था और सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए हैं। फिलहाल, गृह मंत्रालय ने जांच कमेटी गठित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

ड्रूज़ और सुन्नी बेडौइन जनजातीय में संघर्ष

प्रारंभिक आकलनों के अनुसार, घटना जुलाई माह के दौरान हुई, जब स्वेदा प्रांत में ड्रूज़ सशस्त्र गुटों और सुन्नी बेडौइन जनजातीय मिलिशिया के बीच बहु-आयामी और हिंसक झड़पें जारी थीं। इस संघर्ष में दीर्घकालिक घेराबंदी, प्रतिशोधात्मक हमले और अपहरण जैसी घटनाएँ शामिल रहीं, जिसने क्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर रूप से अस्थिर किया।

घुटनों के बल बैठे दिखे चिकित्साकर्मी

फुटेज में चिकित्सकीय परिधान पहने कई व्यक्तियों को घुटनों के बल बैठा दिखाया गया है, जबकि उनके समीप सशस्त्र कर्मी खड़े हैं। एक विशेष दृश्य में, एक बंदी को प्रहार करने के बाद तत्काल निकट दूरी से गोली मारी जाती है, जिसके तुरंत बाद अन्य व्यक्तियों पर भी घातक बल प्रयोग होता है। अस्पताल के बाहरी हिस्से में एक सैन्य टैंक की उपस्थिति इंगित करती है कि यह कार्रवाई सुव्यवस्थित सैन्य नियंत्रण के अंतर्गत संपन्न हुई।

युद्धविराम कराने पहुंचे थे सुरक्षा बल

सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) और स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सरकारी बलों का प्रारंभिक प्रवेश युद्धविराम लागू करने के उद्देश्य से हुआ, लेकिन उन्होंने बेडौइन मिलिशिया का सहयोग करना शुरू कर दिया। भू-राजनीतिक विश्लेषण संकेत करता है कि यह घटना क्षेत्रीय शक्ति-संतुलन में परिवर्तन लाने और ड्रूज़ समुदाय की सामरिक स्थिति को कमजोर करने के उद्देश्य से की गई हो सकती है।

जांच समिति गठित, मानवाधिकार संगठन एक्टिव

सीरिया के गृह मंत्रालय ने उच्च-स्तरीय जांच समिति का गठन कर दोषियों की पहचान कर सजा दिलाने की घोषणा की है। ड्रूज़ समुदाय के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता शेख हिकमत अल-हिजरी ने अंतरराष्ट्रीय न्यायिक जांच और नागरिक सुरक्षा के लिए बहुपक्षीय पर्यवेक्षकों की तैनाती की मांग की है। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इस घटना को संभावित युद्ध अपराध के रूप में चिह्नित करते हुए पारदर्शी, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर बल दिया है।

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