हैदराबाद में बनेगा राफेल का धड़: डसॉल्ट-टाटा के बीच साझेदारी, 'मेक इन इंडिया' को बड़ी उड़ान

Rafale In India: भारत की एयरोस्पेस इंडस्ट्री के लिए बड़ी उपलब्धि सामने आई है। फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन और भारत की टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) अब राफेल फाइटर जेट की फ्यूजलाज यानी मेन बॉडी भारत में बनाएंगे। इस प्रोजेक्ट की मैन्युफैक्चरिंग हैदराबाद में होगी और यह पहली बार है जब राफेल का निर्माण फ्रांस के बाहर किया जा रहा है।
2028 तक आएगी पहली यूनिट
राफेल की पहली फ्यूजलाज यूनिट 2028 में तैयार होकर असेंबली लाइन से बाहर आएगी। इस प्लांट से हर महीने दो यूनिट तैयार करने का लक्ष्य है। यह डील भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं (India's defence production capacity) में निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है।
भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग में नया अध्याय
डसॉल्ट एविएशन ने इस साझेदारी को भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों में बड़ा कदम बताया। इससे भारतीय इंजीनियर्स को वैश्विक तकनीक सीखने का मौका मिलेगा और देश की रक्षा निर्माण क्षमता मजबूत होगी।
Precision meets partnership ✈️⚙️
— Tata Advanced Systems Limited (@tataadvanced) June 5, 2025
Dassault Aviation partners with Tata Advanced Systems to manufacture Rafale fighter aircraft fuselage for India and other global markets.#TataAdvancedSystems #DassaultAviation #Rafale #MakeInIndia #Aerospace #DefenceManufacturing… pic.twitter.com/MDLIOzXwxx
टाटा पहले से बना रहा राफेल के पुर्जे
टाटा ग्रुप, डसॉल्ट एविएशन के साथ पहले से मिलकर राफेल और मिराज 2000 जैसे फाइटर जेट्स के पुर्जे बना रहा है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के CEO सुकरन सिंह ने इसे भारत के लिए "फाइटर जेट निर्माण की दिशा में एक निर्णायक मोड़" बताया।
एयरक्राफ्ट फ्यूजलाज क्या होता है?
फ्यूजलाज (Fuselage) यानी किसी भी विमान का मुख्य ढांचा (मेन बॉडी)। इसमें पंख, पूंछ, कॉकपिट, इंजन, हथियार आदि जोड़े जाते हैं। यह विमान को उसका आकार देता है और सभी हिस्सों को एकसाथ जोड़कर रखता है।
- फाइटर जेट में फ्यूजलाज पतला और एयरोडायनामिक होता है, ताकि तेज रफ्तार में हवा का रेजिस्टेंस कम हो।
- एयरलाइनर में फ्यूजलाज बड़ा और चौड़ा होता है ताकि ज्यादा यात्रियों को ले जाया जा सके।
