पोलैंड चुनाव 2025: दक्षिणपंथी नेता करोल नवरोकी ने दर्ज की ऐतिहासिक जीत, वारसॉ के मौजूदा मेयर को हराकर राष्ट्रपति बने

Karol Nawrocki, Polish President,
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Karol Nawrocki : पोलैंड के नए राष्ट्रपति बने करोल नवरोकी, वारसॉ के मौजूदा मेयर को हराया। 

पोलैंड में इतिहासकार करोल नवरोकी राष्ट्रपति निर्वाचित हुए हैं। 50.89% मत लेकर उन्होंने लिबरल प्रत्याशी और वारसॉ के मेयर राफाल त्रज़ास्कोव्स्की को हराया है।

Poland President Election 2025 : पोलैंड में हुए राष्ट्रपति चुनावों में इतिहासकार और दक्षिणपंथी नेता करोल नवरोकी ने निर्णायक जीत दर्ज की है। उन्होंने लिबरल प्रत्याशी और वारसॉ के मौजूदा मेयर राफाल त्रज़ास्कोव्स्की को हराकर राष्ट्रपति पद पर कब्जा जमाया। नवरोकी को 50.89% मत मिले हैं। जबकि उनके प्रतिद्वंदी त्रज़ास्कोव्स्की को 49.11% वोटों से ही संतोष करना पड़ा।

कौन हैं राष्ट्रपति करोल नवरोकी ?
42 वर्षीय करोल नवरोकी का राजनीतिक करियर नया है, लेकिन वे इतिहास के गहरे जानकार और पूर्व में पोलैंड के "राष्ट्रीय स्मृति संस्थान" (IPN) के प्रमुख रह चुके हैं। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध संग्रहालय का नेतृत्व भी किया है। नवरोकी की छवि एक राष्ट्रवादी और परंपरावादी नेता के रूप में बन चुकी है, जो यूरोपीय संघ के बढ़ते प्रभाव और उदार नीतियों के विरोध में खुलकर बोलते रहे हैं।

राष्ट्रपति के रूप में क्या बदल सकता है?
हालांकि पोलैंड में राष्ट्रपति की भूमिका सीमित होती है, लेकिन नवरोकी के पास सरकार की नीतियों को वीटो करने, न्यायपालिका नियुक्तियों को प्रभावित करने और विदेश नीति में रुख तय करने जैसे अहम अधिकार हैं। उनकी जीत मौजूदा प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क की उदार और यूरोपीय समर्थक नीतियों को चुनौती दे सकती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
नवरोकी की जीत पर हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान और फ्रांस की दक्षिणपंथी नेता मरीन ले पेन ने उन्हें बधाई दी है। वहीं, यूरोपीय संघ के नेताओं ने नई सरकार से रचनात्मक संवाद बनाए रखने की उम्मीद जताई है।

क्या यह पोलैंड की नई दिशा होगी?
करोल नवरोकी की जीत से स्पष्ट संकेत मिलता है कि पोलैंड का समाज राष्ट्रवाद, पारंपरिक मूल्यों और सीमित वैश्विक हस्तक्षेप की ओर झुकाव दिखा रहा है। यह चुनाव न केवल एक व्यक्ति की जीत है, बल्कि एक वैचारिक बदलाव का भी प्रतीक बन सकता है।

पोलैंड का सियासी इतिहास

  1. पोलैंड राजनीतिक तौर पर दो ध्रुवों में बंटा है। इसमें उदारवादी/प्रगतिशील विचारधारा से प्रेरित पार्टी Civic Platform (PO) और रूढ़िवादी/राष्ट्रवादी विारधारा से प्रेरित दल Law and Justice (PiS) हैं। कम्युनिस्ट शासन के पतन के बाद 1990 में हुए पहले स्वतंत्र चुनाव में Solidarity मूवमेंट के नेता लेक वालेसा राष्ट्रपति बने।
  2. 1995 में सत्ता परिवर्तन हुआ। इस चुनाव में बामपंथी नेता एलेक्जेंडर क्वास्निएव्स्की वालेसा को हराकर नए राष्ट्रपति बने। 2000 में भी उन्होंने दोबारा जीत दर्ज की।
  3. 2005 में दक्षिणपंथ का उदय हुआ। Law and Justice पार्टी - PiS के लेक कासिंस्की राष्ट्रपति निर्वाचित हुए, लेकिन 2010 में विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई।
  4. 2010-2015 में उदारवाद का दबदबा रहा। यूरोपीय संघ के समर्थक माने जाने वाले Civic Platform पार्टी के नेता ब्रोनिस्लाव कोमरोव्स्की राष्ट्रपति बने।
  5. 2015–2025 में PiS की पकड़ मजबूत हुई और कट्टरपंथी राष्ट्रवादी नेता आंद्रेज डूडा राष्ट्रपति बने। 2020 में भी उन्होंने जीत दर्ज की।

पोलैंड में राष्ट्रपति ही राष्ट्र प्रमुख
पोलैंड एक लोकतंत्रिक देश है। यहां भारत की तरह राष्ट्रपति राष्ट्र प्रमुख और प्रधानमंत्री कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। राष्ट्रपति 5 साल के लिए चुने जाते हैं, एक व्यक्ति को सिर्फ दो बार इस पद पर रह सकता है। विदेश नीति, रक्षा, न्यायपालिका नियुक्तियों में राष्ट्रपति की भूमिका अहम होती है। संसद से पारित कानूनों को वीटो कर सकते हैं।

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