G7 summit 2025: PM मोदी का कनाडा में Welcome; 'X' पर लिखा-'कई वर्ल्ड लीडर से मिलूंगा, अपनी बात रखूंगा'

PM Modi Canada visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा दौरे पर हैं। PM मोदी मंगलवार (17 जून) सुबह 6:39 बजे कनाडा के कैलेगरी पहुंचे। एयरपोर्ट पर PM मोदी का कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त चिन्मय नाइक, कनाडाई अधिकारी समेत स्वदेशी लोगों ने स्वागत किया। पीएम मोदी G-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा-G7 समिट में भाग लेने आया हूं। यहां कई नेताओं से मुलाकात करूंगा। महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करूंगा। साथ ही वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को भी प्रमुखता से रखूंगा।
Landed in Calgary, Canada, to take part in the G7 Summit. Will be meeting various leaders at the Summit and sharing my thoughts on important global issues. Will also be emphasising the priorities of the Global South. pic.twitter.com/GJegQPilXe
— Narendra Modi (@narendramodi) June 17, 2025
रिश्तों में नई शुरुआत की उम्मीद
PM नरेंद्र मोदी कह कनाडा यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भारत और कनाडा के रिश्तों में नई शुरुआत की उम्मीद है। कनाडा में रह रहे भारतीय समुदाय नेइसे द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का ऐतिहासिक अवसर बताया। भारतीय मूल के व्यवसायी हार्दिक पंड्या ने कहा, "भारत-कनाडा व्यापार से जुड़े होने के नाते हम इस निमंत्रण की सराहना करते हैं। पिछले दशक में दोनों देशों के रिश्तों में काफी बदलाव आया है। यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने का मौका है।
शैक्षणिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
कैलगरी विश्वविद्यालय की सीनेट सदस्य निधि लोढ़ा ने इसे एक सकारात्मक कदम बताया और कहा, यह संबंधों को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा। पीएम मोदी का नेतृत्व भारत के लिए बेहद अच्छा रहा है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अभय लोढ़ा ने कहा-हमारे गांव में कभी बुनियादी सुविधाएं नहीं थीं, लेकिन मोदी सरकार ने इन हालात को बदला। हम गर्वित हैं कि वो हमारे प्रधानमंत्री हैं।
जी-7 देशों का बयान
दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियों के नेता ग्रुप ऑफ सेवन (जी-7) शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा के रॉकीज पहुंचे हैं। समिट में इजराइल-ईरान तनाव का असर भी दिख रहा है। जी-7 देशों ने पश्चिम एशिया में जारी टकराव पर बयान जारी किया। कहा-ईरान के पास कभी भी परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए। इजराइल को अपनी आत्मरक्षा करने का अधिकार है। समिट के पहले दिन ग्रुप के सभी 7 सदस्य देशों ने इजराइल-ईरान संघर्ष विराम पर एक राय बनाने के लिए प्रस्ताव लाने की कोशिश की। जी-7 देशों ने इस्राइल के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल होनी चाहिए। ट्रम्प G7 के संयुक्त बयान पर साइन करने को तैयार नहीं हैं। ट्रम्प ने इस्राइल और ईरान के बढ़ते टकराव के बीच तेहरान के लोगों को जगह छोड़ने की चेतावनी दी है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका लौटे
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समिट को बीच में छोड़कर अमेरिका लौट रहे हैं। व्हाइट हाउस ने मंगलवार सुबह बताया कि मिडिल ईस्ट में तनाव के चलते ट्रम्प ने फैसला लिया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पत्रकारों से बात कर ही रहे थे, जब यह खबर आई कि राष्ट्रपति ट्रम्प मध्य पूर्व में उभरते संकट से निपटने के लिए समय से पहले रवाना हो रहे हैं। इमैनुएल ने कहा-अमेरिका युद्धविराम करा पाते हैं, तो यह बहुत अच्छी बात होगी। फ्रांस इसका समर्थन करेगा।
क्या है G-7?
G-7 यानी ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ दुनिया के 7 देशों का समूह है। जिन्हें दुनिया की 'मॉडर्न इकोनॉमी' वाला देश कहा जाता है। इसमें अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान, इटली, कनाडा और जर्मनी शामिल हैं। पहले इसका नाम G-8 हुआ करता था। 2014 में रूस ने पड़ोसी देश क्रीमिया पर कब्जा कर लिया तो बाकी सदस्य देशों ने रूस को ग्रुप से बाहर कर दिया। इसका नाम G7 हो गया।
क्यों होती है जी-7 समिट
हर साल G7 समिट होती है। समिट में तय एजेंडे पर बातचीत होती है। आयोजन G7 का अध्यक्ष देश करता है। G7 के सभी 7 देश बारी-बारी से इसकी अध्यक्षता करते हैं। इस साल कनाडा अध्यक्षता कर रहा है। ऐसे में G7 समिट कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कानानास्किस शहर में होगी। इस समिट के एजेंडे में वैश्विक शांति और सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता, विकास और डिजिटल डेवलपमेंट जैसे मुद्दे हैं। इसके अलावा G7 के सदस्य देशों के लीडर्स और ऑफिसर्स साल में कई बैठकें करते हैं, जिनमें कई समझौते होते हैं और दुनिया की बड़ी घटनाओं पर आधिकारिक बयान जारी किए जाते हैं।
