Ukraine War: जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर की बात, रूस-यूक्रेन संघर्ष पर दिया अपडेट

यूक्रेन दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की थी। (फाइल फोटो)
PM Modi-Volodymyr Zelenskyy: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार (11 अगस्त) को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के अहम मुद्दों और यूक्रेन-रूस युद्ध पर चर्चा की।
जेलेंस्की ने मोदी को रूस के हालिया हमलों की जानकारी दी, जिसमें ज़ापोरिज़्ज़िया बस स्टेशन पर हुए भीषण बम हमले का जिक्र शामिल था, जिसमें कई लोग घायल हुए। उन्होंने कहा कि रूस अब भी संघर्ष विराम के लिए तैयार नहीं है और कब्जे की अपनी कोशिशें जारी रखे हुए है। ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यूक्रेन से जुड़ा कोई भी समाधान यूक्रेन की भागीदारी के बिना संभव नहीं है।
UNGA के दौरान पीएम मोदी और जेलेंस्की की होगी मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पुराने रुख को दोहराते हुए कहा कि भारत युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है और जल्द से जल्द शांति बहाल करने के लिए प्रयासरत रहेगा। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने, आपसी सहयोग के नए अवसरों पर काम करने और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान मुलाकात करने पर सहमति जताई।
I had a long conversation with the Prime Minister of India @narendramodi. We discussed in detail all important issues – both of our bilateral cooperation and the overall diplomatic situation. I am grateful to the Prime Minister for his warm words of support for our people.
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) August 11, 2025
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अलास्का में होनी है ट्रंप-पुतिन की मुलाकात
बातचीत के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली मुलाकात का भी जिक्र हुआ। ट्रंप और पुतिन के इस मुलाकात को रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ती के लिए बेहद ही अहम माना जा रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने इन वार्ताओं का स्वागत किया है और कहा कि कूटनीतिक प्रयास शांति बहाली के लिए जरूरी हैं।
जेलेंस्की ने चेतावनी दी कि पुतिन अलास्का शिखर बैठक के दौरान ट्रंप को गुमराह करने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने अमेरिका और यूरोप से रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने की अपील की, ताकि युद्ध को समाप्त करने के लिए दबाव बनाया जा सके।
