सीमा विवाद, आतंकवाद और व्यापार: भारत-चीन के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर बनी सहमति; विदेश सचिव ने दी जानकारी

तिआनजिन SCO Summit में PM मोदी की शी जिनपिंग से मुलाकात।
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तिआनजिन SCO Summit में PM मोदी की शी जिनपिंग से मुलाकात।

PM मोदी और शी जिनपिंग की SCO बैठक में सीमा विवाद, आतंकवाद और व्यापार पर चर्चा; BRICS सम्मेलन के लिए आमंत्रण। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दी विस्तृत जानकारी।

PM Modi Xi Jinping meeting 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन यात्रा पर हैं। रविवार, 31 अगस्त को तिआनजिन के SCO शिखर सम्मेलन में उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इसे ऐतिहासिक मुलाकात बताया। कहा, इस दौरान दोनों नेताओं के बीच भारत-चीन सीमा विवाद, आतंकवाद, व्यापार और आपसी सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई है।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग की यह एक साल में दूसरी मुलाकात है। इससे पहले अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान में दोनों नेता मिले थे।

भारत-चीन को प्रतिद्वंद्वी नहीं, साझेदार बनें

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता भारत-चीन संबंधों की प्रगति के लिए जरूरी है। वहीं शी जिनपिंग ने सहयोग बढ़ाने के चार सुझाव दिए, जिन पर पीएम मोदी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और चीन को प्रतिद्वंद्वी नहीं, विकास के साझेदार बनना चाहिए। हमारे आपसी मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए। स्थिर और सहयोगी संबंध 2.8 अरब लोगों के लिए लाभकारी होंगे।

आतंकवाद और सीमा विवाद पर चर्चा

बैठक में पीएम मोदी ने सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई जरूरी है। दोनों नेताओं ने यह भी माना कि सीमा विवाद का समाधान आपसी सहमति से निकालना आवश्यक है।

व्यापार संतुलन और निवेश पर चर्चा

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार घाटा कम करने, नीतिगत पारदर्शिता और आपसी निवेश को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की। यह माना गया कि भारत और चीन की अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक व्यापार में स्थिरता ला सकती हैं।

शी जिनपिंग को BRICS सम्मेलन का न्योता

प्रधानमंत्री मोदी ने शी जिनपिंग को 2026 में होने वाले BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।

भारत-म्यांमार संबंधों पर भी बात

  • SCO सम्मेलन में पीएम मोदी की मुलाकात म्यांमार के स्टेट सिक्योरिटी एंड पीस कमीशन के चेयरमैन मिन आंग ह्लाइंग से भी हुई। प्रधानमंत्री ने म्यांमार में चुनावों की घोषणा स्वागत किया। कहा, संवाद के जरिए ही शांति और स्थिरता ला सकते हैं।
  • भारत की नेबरहुड फर्स्ट और एक्ट ईस्ट नीतियों के तहत म्यांमार अहम साझेदार है। विकास परियोजनाओं और संपर्क योजनाओं में म्यांमार से सहयोग मांगा गया।
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