Gaza-Israel war: ट्रम्प की शांति योजना से पाकिस्तान ने पलटी मारी, मुस्लिम देशों के साथ मिलकर अलापा नया राग

गाजा-इज़राइल युद्ध पर पाकिस्तान ने डोनाल्ड ट्रम्प की 20-सूत्रीय शांति योजना से किनारा किया।
इस्लामाबाद। गाजा युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 20-सूत्रीय शांति योजना पेश की थी। इस पर पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसका समर्थन किया था, लेकिन अब अपनी बात के पलट गया है। पाकिस्तान सरकार ने अब इससे पूरी तरह के दूरी बना ली है।
विदेश मंत्री और उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने संसद में साफ कहा कि ट्रम्प की योजना पाकिस्तान की नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें बदलाव किए गए हैं और यह मुस्लिम देशों के साझा मसौदे से मेल नहीं खाती।
डार ने कहा कि पाकिस्तान की प्राथमिकताएं बिल्कुल अलग हैं। इनमें तुरंत युद्धविराम सुनिश्चित करना, गाजा में खून-खराबा रोकना, मानवीय सहायता पहुंचाना और जबरन विस्थापन रोकना शामिल है।
बता दें कि इशाक डार का यह बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री शरीफ के शुरुआती समर्थन को लेकर पाकिस्तान में आलोचना तेज हो गई थी। विरोधियों ने सरकार पर वाशिंगटन को खुश करने और फिलिस्तीन के मुद्दे पर पाकिस्तान की स्थिति को कमजोर करने केआरोप लगाए जा रहे थे।
I welcome President Trump’s 20-point plan to ensure an end to the war in Gaza.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) September 29, 2025
I am also convinced that durable peace between the Palestinian people and Israel would be essential in bringing political stability and economic growth to the region.
It is also my firm belief that…
30 सितंबर को पाकिस्तान ने मिस्र, जॉर्डन, कतर, सऊदी अरब, यूएई, तुर्की और इंडोनेशिया के साथ मिलकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। लेकिन बाद में पता चला कि हमास तक पहुंचा फाइनल मसौदा पहले वाले से अलग था। इसी वजह से पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों ने आपत्ति जताई।
इस बीच हमास ने अभी तक इस योजना पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि कतर ने आगे बातचीत की अपील की है। आलोचकों का मानना है कि ट्रम्प की यह 20-सूत्रीय योजना इज़राइल के हितों को ज्यादा महत्व देती है।
