पाकिस्तान के सिंध में बवाल: नहर परियोजना के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन; एक की मौत, कई घायल

Pakistan's Sindh Protest: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में प्रस्तावित नहर निर्माण को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन अब हिंसक हो गए हैं। मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने गृह मंत्री के घर पर धावा बोल दिया और उसे आग के हवाले कर दिया। इस हिंसक झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो चुकी है। आरोप है कि पुलिस की लाठीचार्ज और कथित गोलीबारी से एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। यह घटना सिंध के नौशहरो फिरोज जिले के मोरो शहर की है, जहां प्रदर्शनकारियों ने मोटरवे बाईपास को जाम कर दिया था, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया।
गोली चलने के बाद उग्र हुए प्रदर्शनकारी
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पुलिस ने रास्ता खुलवाने के लिए बल प्रयोग किया। इस दौरान पुलिस की ओर से कथित तौर पर गोलियां चलाई गईं, जिससे प्रदर्शन और उग्र हो गया। हालात को काबू में लाने के लिए प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
सिंध सभा की बैठक पर रोक
हैदराबाद में सिंधी राष्ट्रवादी संगठन ‘सिंध सभा’ ने प्रेस क्लब के पास बैठक करने की योजना बनाई थी, जिसका विषय था: "आइए मिलकर अपनी धरती सिंध को बचाने के लिए कदम उठाएं।" लेकिन भारी पुलिस बल और सड़कों पर बैरिकेड्स के कारण यह बैठक नहीं हो सकी। संगठन के कुछ नेताओं को कॉन्फ्रेंस हॉल में ही रोक लिया गया। हालांकि, वकीलों की एक टीम के हस्तक्षेप से नेताओं को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
सिंध में जल संकट की आशंका
‘सिंध सभा’ और अन्य राष्ट्रवादी संगठनों का आरोप है कि केंद्र सरकार सिंध के प्राकृतिक संसाधनों, खासकर पानी, का शोषण कर रही है। वे चोलिस्तान सिंचाई परियोजना का विरोध कर रहे हैं, जिसे 15 फरवरी 2025 को शुरू किया गया था। स्थानीय लोगों को आशंका है कि इस योजना के जरिए सिंधु नदी का बहाव मोड़कर दक्षिण पंजाब की खेती को प्राथमिकता दी जा रही है। जिससे सिंध में जल संकट गहरा सकता है।
मार्च में सिंध विधानसभा ने इस परियोजना के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया था, जो क्षेत्रीय असंतोष की गंभीरता को दर्शाता है। सत्तारूढ़ पीपीपी समेत कई दलों ने योजना को रद्द करने की मांग करते हुए विरोध दर्ज कराया है।
भारत-पाक संबंधों पर भी असर
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई। भारत ने इस हमले के जवाब में सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था, जिससे पाकिस्तान सरकार पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव और बढ़ गया है।
नहर निर्माण पर रोक के बाद भी प्रदर्शन
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने घोषणा की थी कि जब तक सभी पक्षों की सहमति सामान्य हितों की परिषद के जरिए नहीं बनती, तब तक नहर निर्माण पर रोक लगाई जाएगी। इसके बावजूद, सिंध के वकील और सामाजिक संगठनों ने अपना विरोध जारी रखा है। उनका कहना है कि जब तक चोलिस्तान परियोजना को पूरी तरह रद्द नहीं किया जाता, वे पीछे नहीं हटेंगे।
