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US Boy Becomes Youngest to Receive Bionic Hero Arm: हाथ मांसपेशियों के संकुचन का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रोड और सेंसर का उपयोग करता है। इसकी मदद से वह अपने कृत्तिम हाथों हर काम कर सकता है।

US Boy Becomes Youngest to Receive Bionic Hero Arm: यह ढाई किलो का हाथ है, जब किसी पर पड़ता है ना न तो इंसान उठता नहीं, उठ जाता है...। 1993 में आई बॉलीवुड फिल्म दामिनी में एक्टर सनी देयोल का ये डायलॉग आज भी मशूहर है। सनी हाथों के वजन नहीं बल्कि उसमें दम की बात कर रहे थे। ये तो हुई फिल्मी बात। रियल लाइफ में अमेरिका में रहने वाले 5 साल एक बच्चे का हाथ अब 'ढाई किलो' दम वाले हाथ से कम नहीं है। उसके बाएं हाथ में बायोनिक आर्म (कृत्तिम हाथ, मांसपेशियों के सिग्नल से काम करता है)  लगाया है। अपनी उम्र का वह दुनिया का पहला बच्चा है, जिसे बायोनिक आर्म लगाया है। वह बिना बाएं हाथ के पैदा हुआ था। 

हम उम्र के बच्चों के बीच बना सुपरहीरो
बच्चे का नाम जॉर्डन मैरोटा है। वह अमेरिका के लॉग आइलैंड में अपने पिता जोश और मां एशले मैरोटा के साथ रहता है। वह दिव्यांग पैदा हुआ था। कोहनी के नीचे बायां हाथ पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ था। लेकिन अब उसे सुपरहीरो आयरन मैन जैसा बायोनिक आर्म लगाया गया है। आर्म का रंग लाल और सुनहरे रंग में डिजाइन किया गया। वह अपनी उम्र के बच्चों के बीच सुपरहीरो से कम नहीं है। 

मां ने याद का पहला अनुभव
जॉर्डन की मां 38 वर्षीय एशले मैरोटा ने अपनी खुशी साझा की है। उन्होंने कहा कि जब पहली बार बेटे को बायोनिक आर्म लगाया गया तो वह काफी उत्साहित था। उसने अपना हाथ उठाकर टैक्सी ड्राइवर को आवाज दी। यह पहला क्षण था, जब उसने बायां हाथ उठाया था। 

US Five Year Old Boy Becomes Youngest to Receive Bionic Hero Arm
जॉर्डन अपने मां-बाप के साथ।

आसानी से जोड़ा और हटाया जा सकता है
आम तौर पर बायोनिक आर्म बड़े बच्चों में लगाए जाते हैं। ओपन बायोनिक्स के प्रमाणित प्रोस्थेटिस्ट और ऑर्थोटिस्ट डैनियल ग्रीन ने बताया कि जॉर्डन का शारीरिक विकास और उसकी भावनात्मक परिपक्वता अद्भुत है। इसलिए उसने रिकॉर्ड बनाया है। 

बायोनिक आर्म को जॉर्डन की बाईं बांह से सहजता से जोड़ने और अलग करने के लिए डिजाइन किया गया है। मतलब वह आसानी से जोड़ा और हटाया जा सकता है। हाथ मांसपेशियों के संकुचन का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रोड और सेंसर का उपयोग करता है। इसकी मदद से वह अपने कृत्तिम हाथों हर काम कर सकता है। यह एक रिचार्जेबल बैटरी पर काम करता है जो 14 घंटे तक चलती है। इसे बनाने में लगभग एक महीने का समय लगा है।

पहले भी कई बच्चों को लगाए गए कृत्तिम हाथ
जॉर्डन ये हाइटेक कृत्रिम हाथ पाने वाला पहला बच्चा नहीं है। पिछले साल, यूके के 10 वर्षीय हैरी जोन्स को भी 'आयरन मैन' थीम वाला बायोनिक हाथ लगाया गया था। कोहनी के नीचे दाहिने हाथ के बिना जन्मे हैरी ने हमेशा एक रोबोटिक हाथ पाने का सपना देखा था। वह अपने दोस्तों के साथ बाइकिंग और कार्ट रेसिंग जैसी गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहता था। उसका सपना तब हकीकत बन गया, जब उन्हें ओपन बायोनिक्स द्वारा तैयार बायोनिक आर्म मिला। 

यह हाथ न केवल हैरी की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि प्राकृतिक हाथ की गतिविधियों की नकल भी करता है। इसके अतिरिक्त इसमें एक फ्रीज मोड की सुविधा है, जो हैरी को वस्तुओं को पकड़ने में सक्षम बनाता है। 

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