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सोमालिया के समुद्री तट से अगवा  MV LILA NORFOLK जहाज को गुरुवार को हाइजैक कर लिया गया था। नौसेना ने इसे बचाने के लिए शुक्रवार सुबह ऑपरेशन शुरू किया। ऑपरेशन सफल हुआ। 15 भारतीय समेत सभी क्रू मेम्बर्स अब सुरक्षित हैं।

Indian Navy Intervenes in Hijack Crisis: सोमालिया के पास समुद्री तट से गुरुवार को अगवा हुए लाइबेरिया का झंडा लगे एमवी लिला नॉरफॉक (MV LILA NORFOLK) जहाज को बचाने का मिशन इंडियन नेवी ने शुक्रवार देर शाम पूरा कर लिया गया। इंडियन नेवी के मार्कोस जवानों ने इस मिशन को सफलता पूर्वक अंजाम दिया। जहाज में सवार सभी 13 भारतीयों के समेत सभी 21 क्रू मेम्बर्स को बचा लिया गया है। सभी सुरक्षित हैं। इस पोत के अगवा होने की सूचना मिलते ही INS चेन्नई को रवाना किया गया था जिसने जहाज की मॉनिटरिंग में अहम भूमिका निभाई।

हेलिकॉप्टर के जरिए शिप पर पहुंचे कमांडो
नेवी के अधिकारियों ने शुक्रवार देर शाम जहाज के सुरक्षित होने की जानकारी दी। नेवी ने बताया कि एलिट मरीन कमांडो मार्कोस पहले हेलिकॉप्टर के जरिए अगवा जहाज के ऊपर पहुंचे। इसके बाद अगवा करने वाले विद्रोहियों को तुरंत जहाज खाली करने की चेतावनी जारी की गई। जब शिप से वार्निंग का जवाब नहीं दिया गया तो कमांडो ने जहाज पर धावा बोल दिया। नैसेना अधिकारियों ने बताया कि चेतावनी सुनने के बाद हाईजैकर्स जहाज छोड़ कर भाग गए। इससे पहले नौसेना के एक विमान ने अगवा जहाज के ऊपर उड़ान भड़ी। जहाज के क्रू मेम्बर्स से संपर्क साधा। क्रू मेम्बर्स ने बताया कि वे सुरक्षित हैं और जहाज के स्ट्रांग रूम में बैठकर उसे कंट्रोल कर रहे हैं।

नेवी की चेतावनी से डर कर भागे हाईजैकर्स
मर्कोस कमांडो सबसे पहले जहाज के डेक पर उतरे। इसके बाद सैनिटाइजेशन ऑपरेशन शुरू किया।  ऊपर वाले डेक पर किसी आतंकी के नहीं मिलने पर विद्रोहियों को ढूंढ़ते हुए जहाज के निचले हिस्से तक पहुंचे। वहां एक भी समुद्री लूटेरे नहीं मिले। इसके बाद सैनिटाइजेशन ऑपरेशन को पूरा करने का ऐलान कर दिया गया। नेवी अफसरों ने ऑपरेशन पूरा होने के बाद कहा कि हम इंटरनेशनल कार्गो जहाजों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हमारे मित्र देशों के व्यापारिक जहाजों और क्षेत्र में शिपिंग बिजनेस की सुरक्षा हम करते रहेंगे।

आईएनएस चेन्नई कर रहा था मॉनिटरिंग
इंडियन नेवी को गुरुवार देर शाम जहाज से डिस्ट्रेस कॉल मिला। इसके तुंरत बाद भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस चेन्नई हाइजैक की स्थिति से निपटने के लिए रवाना कर दिया गया। इसके साथ ही प्रिडेटर्स ड्रोन काे भी समुद्र में अगवा जहाज की ओर भेजा गया। इन प्रिडेटर्स जहाजों को पल-पल की जानकारी देने का निर्देश दिया गया था। वहीं INS अगवा जहाज से थोड़ी दूर पर पूरी स्थिति पर नजर रख रहा था। 

ब्राजील से समुद्री सफर पर निकला था अगवा जहाज
गुरुवार की शाम हथियारों से लैस 5 से 6 लोग एमवी लीला नॉरफॉक पर चढ़े थे। अगवा होने से पहले जहाज ने यूनाइटेड किंगडम मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशन पोर्टल पर संदेश भेजा था। यह एक ब्रिटिश संस्था है जो समुद्र में जहाजों की गतिविधि पर नजर रखती है। इंडियन नेवी ने बताया कि इसी ब्रिटिश ऑर्गेनाइजेशन ने उन्हें जहाज के अगवा होने की जानकारी दी थी।  जहाज को सोमालिया से 300 नॉटिकल माइल पूर्व में हाईजैक किया गया था। इस जहाज ने समुद्री सफर ब्राजील के पोर्ट डू एको से शुरू की थी और बहरीन के खलिफा बिन सलमान बंदरगाह जा रहा था। 

माल्टा के जहाज को किया था हाईजैक
इससे पहले 16 दिसंबर 2023 को सोमालिया में समुद्री लुटेरों ने मध्य अरब सागर में माल्टा के जहाज एमपी रुएन को किडनैप कर लिया था। उस वक्त भी इंडियन नेवी की ओर से एक युद्धपोत और समुद्री कश्ती विमान को भेजा गया था। भारतीय नौसेना ने जहाज को रेस्क्यू कराया था। माल्टा का जहाज तुर्की जा रहा था। 

हूती विद्रोहियों ने अमेरिका की आखिरी चेतावनी को किया नजरअंदाज
उधर, हूती विद्रोहियों पर अमेरिका की चेतावनियों का असर नहीं पड़ रहा है। अमेरिकी नौसेना ने कहा कि विस्फोटकों से भरी हूती ड्रोन नाव में गुरुवार को लाल सागर में विस्फोट हो गया। हालांकि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। खूंखार हूती समूह को रोकने के लिए इंटरनेशनल लेवल पर काफी प्रयास हो रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और जापान सहित 12 देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर हूती विद्रोहियों गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। यह अंतिम चेतावनी थी। 

19 नवंबर से जहाजों को निशाना बना रहे हूती
ईरान-गठबंधन हूती विद्रोही यमन के अधिकांश हिस्से पर अपना प्रभुत्व रखते हैं। 19 नवंबर से कारोबारी जहाजों पर विस्फोट करने वाले ड्रोन और मिसाइलों से हमला कर रहे हैं। हूती विद्रोहियों का दावा है कि गाजा में इज़राइल के सैन्य अभियानों के खिलाफ यह उनका बदला है। बढ़ते हमलों को देखते हुए कुछ कंपनियों ने लाल सागर से व्यापार बंद कर दिया है। इस रास्ते के बजाय वे अफ्रीका के जरिए यात्रा कर रहे हैं। यह बहुत महंगी पड़ रही है। 

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