Nepal Political Crisis: सुशीला कार्की बनीं नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री; राष्ट्रपति पौडेल ने दिलाई शपथ

नेपाल में संसद भंग: सुशीला कार्की बनीं अंतरिम सरकार की प्रमुख; थोड़ी देर में शपथ
Nepal Political Crisis Updates: नेपाल में Gen-Z युवाओं के नेतृत्व वाले राष्ट्रव्यापी हिंसक प्रदर्शनों के बीच बड़ा बदलाव हुआ है। राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने मौजूदा संसद को भंग कर दिया है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त करने का फैसला लिया है। रात साढ़े 8 बजे राष्ट्रपति पौडेल ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई।
#WATCH | Kathmandu | Nepal's former Chief Justice, Sushila Karki, takes oath as interim PM of Nepal
— ANI (@ANI) September 12, 2025
Oath administered by President Ramchandra Paudel
Video source: Nepal Television/YouTube pic.twitter.com/IvwmvQ1tXW
Gen-Z आंदोलन के बाद बदली सत्ता की तस्वीर
नेपाल में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ 8 और 9 सितंबर को ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए। इनका नेतृत्व Gen-Z समूहों ने किया। आंदोलन हिंसक हो गया और दबाव इतना बढ़ा कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा।
Gen-Z प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग
Gen-Z प्रदर्शनकारी मौजूदा संसद को भंग कर अंतरिम सरकार बनाने की मांग करने लगे। राष्ट्रपति ने उनकी इस मांग पर विचार करते हुए सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल और प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक की। सुशीला कार्की के नाम पर सर्वसम्मति बनी, जिसे राष्ट्रपति ने तुरंत मंज़ूरी दी।
कौन हैं सुशीला कार्की?
- सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्होंने यह पद 2016 में संभाला था। 2009 में सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं थीं। 1979 से वकील के तौर पर अपने कानूनी कैरियर की शुरुआत किया। इसके पहले वह एक टीचर थीं।
- सुशीला कार्की भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर फैसलों के लिए जानी जाती हैं। पूर्व मंत्री जय प्रकाश गुप्ता को दोषी ठहराकर जेल भेजने वाला उनका ऐतिहासिक फैसला खूब चर्चा में रहा।
- सुशीला कार्की की छवि ईमानदार और सख्त प्रशासक की रही है, जो इस समय अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए उपयुक्त मानी जा रही है। भारत के प्रति उनका रवैया सकारात्मक माना जाता है। उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से उन्होंने पढ़ाई किया है।
नेपाल में अब आगे क्या?
सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार ही नेपाल में चुनाव की नई तिथि तय करेगी। साथ ही संविधान के दायरे में रहकर राजनीतिक स्थिरता बहाल करने की जिम्मेदारी निभाएंगी। इस दौरान प्रशासनिक फैसलों में सेना और राष्ट्रपति की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी।
Gen Z आंदोलनकारियों की 5 मांग
- Gen-Z आंदोलनकारी अगले 6 से 12 महीने के अंदर देश में आम चुनाव कराना चाहते हैं। ताकि, लोकतंत्र स्थापित हो और जनता अपनी इच्छा से नई सरकार चुन सके। सुशीला कार्की उनकी इस मांग से सहमत हैं।
- नेपाल की संसद को भंग कर अंतरिम सरकार का गठन हो। उनकी इस मांग के आधार पर ही सुशीला कार्की को नेपाल का नया प्रधानमंत्री चुना गया है
- आंदोलनकारी चाहते हैं कि नेपाल में ऐसी शासन व्यवस्था हो, जिसमें नागरिक और सेना दोनों का प्रतिनिधित्व हो।
- आंदोलनकारियों की मांग है कि पुराने राजनीतिक दल और नेताओं की संपत्ति की जांच के लिए पॉवरफुल न्यायिक आयोग गठित किया जाए।
- आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो। साथ् ही प्रभावित लोगों को न्याय मिले। यह मांग भी मान ली गई है।
