Top Secret Talk: कार में 45 मिनट मोदी-पुतिन ने क्या बातचीत की? रूसी राष्ट्रपति ने खुद किया खुलासा

एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन की कार यात्रा चर्चा में रही। पुतिन ने बताया, बातचीत का मुख्य विषय अलास्का शिखर सम्मेलन था।
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मोदी-पुतिन की कार यात्रा में 45 मिनट की गुप्त बातचीत, पुतिन का खुलासा.

एससीओ शिखर सम्मेलन में मोदी और पुतिन ने कार में 45 मिनट निजी बातचीत की। पुतिन ने बताया, अलास्का में अमेरिका-रूस बैठक इसका मुख्य विषय था।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ही कार में सवार हुए। दोनों नेताओं ने पुतिन की लग्ज़री ऑरस लिमोज़ीन में करीब 45 मिनट का सफर तय किया। इस दौरान उनकी निजी बातचीत का विषय था हाल ही में अलास्का में आयोजित अमेरिका-रूस शिखर सम्मेलन।

अलास्का वार्ता का साझा अनुभव

पुतिन ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने मोदी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी मुलाकात का पूरा अनुभव साझा किया। अगस्त 2025 में हुए इस सम्मेलन को रूस के लिए “बहुत अच्छा स्वागत” और “फलदायी बैठक” बताया गया था। पुतिन का मानना है कि इस वार्ता से रूस की वैश्विक स्थिति को मजबूती मिली और भारत के साथ इसे साझा करना उनके लिए अहम था।


यूरेशियन सुरक्षा मॉडल पर चर्चा

कार यात्रा के दौरान पुतिन ने मोदी को रूस की रणनीतिक प्राथमिकताओं और यूरेशियन सुरक्षा ढांचे पर विस्तार से बताया। यह बातचीत इसलिए खास थी क्योंकि इसमें वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा के वे पहलू शामिल थे जो सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किए जाते। मॉस्को के टिप्पणीकारों के अनुसार, यह बातचीत इस मुलाकात का सबसे गोपनीय हिस्सा थी।

होटल तक जारी रहा संवाद

जब दोनों नेता एससीओ सम्मेलन स्थल पर पहुंचे, तब भी उनकी आमने-सामने की बातचीत कुछ समय तक जारी रही। रूसी रेडियो स्टेशन वेस्टीएफएम ने बताया कि यह निरंतर संवाद इस बात का संकेत है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि गहरी समझ और विश्वास पर आधारित हैं।

औपचारिक वार्ता में शांति का संदेश

बाद में हुई द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन संघर्ष को जल्द से जल्द समाप्त करने की अपील दोहराई। उन्होंने कहा कि यह मानवता के हित में जरूरी है। वहीं, पुतिन ने यूरेशियन क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए रूस के दृष्टिकोण को सामने रखा।

भारत दौरे की तैयारियों का संकेत

इस मुलाकात को भारत-रूस संबंधों की मजबूती का प्रतीक माना जा रहा है। पुतिन दिसंबर 2025 में भारत यात्रा पर आ सकते हैं और उम्मीद है कि उस दौरान शिखर स्तर की अहम वार्ताएं होंगी।

(यह खबर CNN रिपोर्ट और सोशल मीडिया पर सामने आई जानकारियों पर आधारित है।)

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