India Mauritius relations: वाराणसी में होगी भारत-मॉरीशस द्विपक्षीय शिखर वार्ता, विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण पर चर्चा

Mauritius PM Ramgoolam In Varanasi
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यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के वाराणसी आगमन पर स्वागत किया।

वाराणसी में पीएम मोदी और मॉरीशस के पीएम नवीनचंद्र रामगुलाम की ऐतिहासिक द्विपक्षीय बैठक होने वाली है। दोनों के बीच विकास साझेदारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा और 'सागर विजन' पर अहम चर्चा होगी।

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के बीच आज वाराणसी में एक बेहद महत्वपूर्ण द्विपक्षी बैठक होने जा रही है। यह मुलाकात सिर्फ एक कूटनीतिक बैठक नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक संबंधों का एक मजबूत प्रमाण भी है। यह पहली बार है कि मॉरीशस का कोई प्रधानमंत्री वाराणसी में पीएम मोदी से मिल रहा है, जो दोनों देशों के बीच गहरे और अनोखे रिश्ते को और मजबूत करता है।

  • दोनों नेताओं की द्विपक्षीय चर्चा का मुख्य एजेंडा विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण को और बढ़ावा देना है। बयान में कहा गया है कि वे दोनों देशों के बीच सहयोग के सभी पहलुओं की गहन समीक्षा करेंगे।
  • स्वास्थ्य सेवाओं और शैक्षिक संस्थानों के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाना।
  • नई तकनीकों और वैज्ञानिक अनुसंधान में मिलकर काम करना।
  • ऊर्जा सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास में साझेदारी।
  • भारत के सफल डिजिटल प्लेटफॉर्म को मॉरीशस में लागू करने पर विचार।

यह मुलाकात मार्च 2025 में पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान तय किए गए 'उन्नत रणनीतिक साझेदारी' को और गति देगी। दोनों देशों ने उस समय अपने संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया था, और यह वाराणसी शिखर सम्मेलन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम के वाराणसी आगमन पर स्वागत एवं अभिनंदन किया।

'सागर' विजन के लिए मॉरीशस का महत्व

मॉरीशस को भारत हिंद महासागर क्षेत्र में एक मूल्यवान साझेदार और घनिष्ठ समुद्री पड़ोसी के रूप में देखता है। यह देश भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और 'क्षेत्र भर में सुरक्षा और विकास के लिए आपसी और समग्र उन्नति' यानी 'सागर' विजन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हिंद महासागर में शांति और स्थिरता बनाए रखने में मॉरीशस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, और यह मुलाकात इस साझा उद्देश्य को और मजबूत करेगी।

भारत और मॉरीशस विकासशील देशों की आवाज को बुलंद करने और एक न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

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