भारत-चीन रिश्तों में नई पहल: डायरेक्ट फ्लाइट जल्द, व्यापार को मिलेगी गति; सीमा विवाद के समाधान पर जोर

भारत-चीन डायरेक्ट फ्लाइट जल्द, व्यापार को मिलेगी गति: संयुक्त वार्ता में महत्वपूर्ण निर्णय
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भारत-चीन डायरेक्ट फ्लाइट जल्द, व्यापार को मिलेगी गति: संयुक्त वार्ता में महत्वपूर्ण निर्णय

भारत-चीन ने सीमा विवाद सुलझाने, सीधी उड़ानें शुरू करने और व्यापार को बढ़ावा देने पर सहमति बनी। SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेने चीन जाएंगे PM मोदी।

India China Relations 2025: भारत और चीन ने सीमा विवाद सुलझाने और द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती देने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंगलवार, 19 अगस्त को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में दोनों देशों ने एलएसी (LAC) गतिरोध कम करने और सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।

भारत-चीन की इस वार्ता में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों (डायरेक्ट फ्लाइट) जल्द शुरू करने, सीमा व्यापार खोलने, निवेश प्रवाह को आसान बनाने और कैलाश-मानसरोवर यात्रा को विस्तार देने का निर्णय शामिल है। जो प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा और एससीओ (SCO) शिखर सम्मेलन से पहले आपसी रिश्तों में सुधार के संकेत हैं।

सीमा विवाद सुलझाने के लिए नई व्यवस्था

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देशों ने सीमा परिसीमन (Demarcation) के लिए विशेषज्ञ समूह बनाने और पूर्वी, मध्य व पश्चिमी क्षेत्रों में मजबूत तंत्र बनाने का निर्णय लिया है। पश्चिमी क्षेत्र (लद्दाख) में चार साल से चल रहे गतिरोध को लेकर विशेष जोर दिया गया।

भारत-चीन व्यापार और यात्रा पर सहमति

  • कोविड और LAC विवाद के चलते बंद की गईं भारत-चीन डायरेक्ट फ्लाइट जल्द शुरू होंगी।
  • नाथू ला, लिपुलेख और शिपकी दर्रे के रास्ते सीमा व्यापार शुरू किया जाएगा।
  • कैलाश-मानसरोवर यात्रा का विस्तार होगा। 2026 से इसे बड़े स्तर पर किया जाएगा।
  • पर्यटकों और कारोबारियों के लिए दोनों देश वीज़ा प्रक्रिया आसान करेंगे।

जल विवाद और आतंकवाद पर बातचीत

भारत ने चीन की ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जा रहे विशाल बांध परियोजना पर चिंता जताई है। इसमें अधिक पारदर्शिता की मांग की। चीनी ने इस पर मानवीय आधार पर जल संबंधी सूचनाएं साझा करने का आश्वासन दिया है। वहीं भारत ने पाकिस्तान से होने वाले सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, आतंकवाद से निपटना दोनों देशों की प्राथमिकता है।

रिश्तों में सुधार का संकेत

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने यह भी कहा कि सीमाओं पर स्थिरता लौट आई है। जो कि दोनों देशों के लोगों के हित में है। वहीं NSA अजीत डोभाल ने बताया कि पिछले कुछ माह से चीन भारत संबंधों में प्रगति हुई है। शांति और सौहार्द से दोनों देशों को फायदा होगा।

बहुपक्षीय सहयोग पर सहमति

भारत और चीन ने WTO केंद्रित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को सशक्त करने, ब्रिक्स (BRICS) और SCO जैसे मंचों पर सहयोग बढ़ाने और वैश्विक मुद्दों पर संवाद बनाए रखने का भी संकल्प लिया।

भारत-चीन अब अपने मतभेदों को किनारे रख रिश्तों को पटरी पर लाने की पहल में जुटे हैं। हालांकि, सीमा विवाद और चीन की आंतरिक नीतियों से जुड़ी चुनौतियाँ बनी रहेंगी, लेकिन सीधी उड़ानों, सीमा व्यापार और धार्मिक यात्राओं का दोबारा शुरू होना सकारात्मक संकेत है।

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