फ्रांस में राजनीतिक संकट: एक साल में तीसरे प्रधानमंत्री बने सेबेस्टियन लेकोर्नू, सड़क पर उतरे लोग;

फ्रांस में नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति के बीच विरोध उग्र
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फ्रांस में नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति के बीच विरोध उग्र

फ्रांस में राजनीतिक संकट गहराया। सेबेस्टियन लेकोर्नू नए प्रधानमंत्री बने। उग्र प्रदर्शन, हड़ताल और संसद में टकराव तेज। जानिए पूरा मामला।

France Political Crisis 2025: फ्रांस अस्थिर राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सेबेस्टियन लेकोर्नू को प्रधानमंत्री नियुक्ति किया है, लेकिन संसद में बहुमत का अभाव और सड़कों पर जारी उग्र प्रदर्शनों के चलते बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। संसद में भी टकराव जारी है।

सेबेस्टियन लेकोर्नू तीसरे नेता हैं, जिन्होंने एक साल के अंदर फ्रांस का प्रधानमंत्री पद संभाला है। पिछले 2 साल में यहां 4 प्रधानमंत्री बदले जा चुके हैं। अब लेकोर्नू की नियुक्ति का भी विरोध शुरू हो गया है। 'फ्रांस अनबोड' ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है।

राजनीतिक अस्थिरता और चरमपंथी दबाव

फ्रांस की सियासत इन दिनों तीन ध्रुवों में बँटी है। यहां दक्षिणपंथी 'नेशनल रैली', कट्टर वामपंथी गुट और मैक्रों के मध्यमार्गी गुट के बीच जबरदस्त प्रतिष्पर्धा है। बहुमत के अभाव में न बजट पास हो पाते हैं और न ही नीति-निर्धारण में स्थिरता है। प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद से मैक्रों की स्थिति और कमजोर हो गई है।

स्कूल-कॉलेज, ट्रेन, एयरलाइंस और कारखानें बंद

फ्रांस में 'चलो सब कुछ ब्लॉक कर दें' आंदोलन चलाया जा रहा है। स्कूल-कॉलेज, ट्रेन, एयरलाइंस और कारखानें से प्रभावित हैं। सरकारी खर्च में कटौती की योजना के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। 18 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का एलान किया है।

कोई स्पष्ट नेता नहीं, फिर भी जनाक्रोश भारी

फ्रांस के इस आंदोलन की खासियत ये है कि इसका कोई औपचारिक नेतृत्व नहीं है। छात्र, युवा, मजदूर और आम नागरिक खुद सड़कों पर उतरे हुए हैं। 2018 के 'येलो वेस्ट्स' आंदोलन में भी ऐसा ही हुआ था।

बजट कटौती और 'वेलफेयर स्टेट' पर संकट

सरकार ने 44 अरब यूरो की बजट कटौती की योजना तैयार की है। वेतन, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं भी इससे प्रभावित हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार के निर्णय को अमीरों को राहत और गरीबों पर प्रहार बताया है।

सेबेस्टियन लेकोर्नू कौन हैं?

39 वर्षीय सेबेस्टियन लेकोर्नू फ्रांस के नए प्रधानमंत्री हैं। वह रक्षा मंत्री और राष्ट्रपति मैक्रों के पुराने सहयोगी रहे हैं। उन्हें न सिर्फ़ कट्टर वाम, बल्कि कट्टर दक्षिण से भी समर्थन जुटाना है। नेशनल रैली की मरीन ले पेन और जॉर्डन बार्डेला ने समर्थन को नीति आधारित बताया, लेकिन वामपंथी 'फ्रांस अनबोड' ने अविश्वास प्रस्ताव का ऐलान किया है।

जमीनी हालात: पुलिस तैनात, सेवाएं प्रभावित

फ्रांस में आंदोलन के कारण रेल और फ्लाइट बाधित हैंं। खासकर ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। कई जगह आगजनी और पथराव की घटनाएं भी सामने आई हैं। हालांकि, पुलिस प्रशासन अलर्ट है। कानून व्यवस्था टाइट रखने 80,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

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