ट्रम्प का बड़ा बयान: भारत ने रूसी तेल आयात रोका तो 'अच्छा कदम', विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के रूसी तेल खरीद को लेकर एक बड़ा बयान दिया
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि यदि भारत ने रूसी तेल आयात पर रोक दिया है तो यह "एक अच्छा कदम" है। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से पूछा गया कि क्या उन्होंने भारत पर जुर्माना लगाने या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने की कोई योजना बनाई है, तो उन्होंने जवाब दिया, "मुझे सुनने में आया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीद रहा है। मैंने ऐसा सुना है, लेकिन मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। अगर यह सच है, तो यह एक अच्छा कदम है। अब देखते हैं कि आगे क्या होता है।"
#WATCH | "I understand that India is no longer going to be buying oil from Russia. That's what I heard, I don't know if that's right or not. That is a good step. We will see what happens..." says, US President Donald Trump on a question by ANI, if he had a number in mind for the… pic.twitter.com/qAbGUkpE12
— ANI (@ANI) August 1, 2025
इस पर भारत की ओर से विदेश मंत्रालय ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद पूरी तरह से राष्ट्रीय हित और बाजार की उपलब्धता पर आधारित है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के पास रूसी तेल आयात नहीं करने की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत की तेल कंपनियों ने रूस से तेल आयात में कमी की है। लेकिन विदेश मंत्रालय ने इन खबरों को लेकर कोई पुष्टि नहीं की है।
इससे पहले, ट्रम्प ने यह भी कहा कि वे भारत पर रूसी तेल खरीद को लेकर संभावित दंड के बारे में सोच सकते हैं। साथ ही, उन्होंने भारत पर उच्च टैरिफ लगाने का आरोप भी दोहराया और कहा कि "भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है।"
उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को अपना "दोस्त" बताया लेकिन यह भी कहा कि भारत अमेरिका से कम आयात करता है जबकि अमेरिका से अधिक निर्यात करता है।
भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर ट्रम्प ने कहा कि दोनों देश बातचीत में लगे हुए हैं और देखना होगा कि इसका क्या नतीजा निकलता है।
भारत की संसद को भी हाल ही में सरकार ने सूचित किया है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए पारस्परिक टैरिफ के प्रभावों की समीक्षा की जा रही है और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
