ट्रंप का TIME मैगज़ीन पर फूटा गुस्सा: कवर फोटो देख भड़के ट्रंप, बोले- अजीब है! मेरे बाल गायब कर दिए

कवर फोटो देख भड़के ट्रंप, बोले- अजीब है! मेरे बाल गायब कर दिए
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टाइम मैगज़ीन के कवर पर बाल ‘गायब’ दिखने से नाराज़ ट्रंप ने फोटो को ‘अब तक की सबसे खराब’ बताया। गाज़ा शांति समझौते पर मिली तारीफ के बावजूद विवाद।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को टाइम मैगज़ीन पर जमकर निशाना साधा। दरअसल, पत्रिका ने अपने नए कवर पर ट्रंप की एक ऐसी तस्वीर छापी है जिसमें उनके बाल लगभग 'गायब' नज़र आ रहे हैं। ट्रंप ने इसे “अब तक की सबसे खराब तस्वीर” बताते हुए कहा कि कवर पर उनके सिर के ऊपर “एक तैरता हुआ मुकुट” जैसा कुछ दिखाया गया है, जो बहुत छोटा था।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा “टाइम मैगज़ीन ने मेरे बारे में अच्छी खबर लिखी है, लेकिन यह तस्वीर वाकई भयानक है। उन्होंने मेरे बाल गायब कर दिए और ऊपर कुछ अजीब तैरता हुआ दिखाया। नीचे से ली गई तस्वीरें मुझे कभी पसंद नहीं थीं, यह अब तक की सबसे खराब तस्वीर है!”

टाइम मैगज़ीन का 10 नवंबर का अंक ‘His Triumph’ (उनकी विजय) शीर्षक से जारी हुआ है, जिसमें ट्रंप को गाज़ा युद्धविराम समझौते और इज़राइल-हमास के बीच कैदी-बंधक एक्सचेंज में मध्यस्थता का श्रेय दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह समझौता ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की “सबसे बड़ी कूटनीतिक सफलता” मानी जा रही है, जो मध्य पूर्व में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

इस समझौते के तहत हमास ने गाज़ा में 20 इज़राइली बंधकों को रिहा किया, जबकि इज़राइल ने 2,000 फ़िलिस्तीनी कैदियों को आज़ाद किया। यह समझौता मिस्र के शर्म-अल-शेख में हुआ 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले के दो साल बाद यह एक बड़ी पहल है। हालांकि, ट्रंप ने इस कवर फोटो की आलोचना करते हुए कहा कि नीचे से ली गई तस्वीर में रोशनी के कारण उनके बाल “गायब” दिख रहे हैं, जिससे एक “हैलो इफेक्ट” बन गया।

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप और टाइम मैगज़ीन के बीच विवाद हुआ हो। फरवरी 2025 में भी उन्होंने पत्रिका का मज़ाक उड़ाया था जब कवर पर एलन मस्क को ओवल ऑफिस में बैठे दिखाया गया था।

गाज़ा समझौते की सफलता के बाद ट्रंप का नाम अब 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में भी शामिल बताया जा रहा है। इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी सांसद अन्ना पॉलिना लूना ने ट्रंप के नामांकन की मांग की है। हालांकि, 2025 का नोबेल पुरस्कार वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को मिला।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ट्रंप का गाज़ा शांति समझौता लंबे समय तक टिकता है, तो 2026 में उनकी दावेदारी मज़बूत हो सकती है। ट्रंप का यह विवाद एक बार फिर साबित करता है कि वे न सिर्फ अपनी नीतियों बल्कि अपनी छवि को लेकर भी बेहद संवेदनशील हैं।

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