US राष्ट्रपति ट्रंप का बड़ा फैसला: ब्रैंडेड दवाओं पर 100% टैरिफ, भारत की फार्मा कंपनियों को लग सकता है झटका

Donald Trump Pharma Tariff
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 Donald Trump Pharma Tariff

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अक्टूबर से ब्रैंडेड दवाओं पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इस कदम से भारत की दवा कंपनियों को बड़ा नुकसान हो सकता है। जानें इसका असर।

100% US Tariff on Indian Pharma : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (26 सितंबर) को बड़ा आर्थिक फैसला लेते हुए भारत को एक और झटका दे दिया। उन्होंने ब्रैंडेड और पेटेंट दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे डॉ. रेड्डी, ल्यूपिन और अरबिंदो फार्मा जैसी कंपनियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा।

डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रांडेड दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ की जानकारी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर दी है। अपने आधिकारिक एकाउंट पर लिखा-यह फैसला अमेरिका की घरेलू दवा कंपनियों को बढ़ावा देने और विदेशी दवाओं पर निर्भरता कम करने के लिए उठाया गया है। इस फैसले का सीधा असर भारत की उन फार्मा इंडस्ट्रीज पर पड़ेगा, जो अमेरिका को बड़ी मात्रा में दवाएं निर्यात करती हैं।

किन प्रोडक्ट्स पर लगे हैं नए टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रैंडेड व पेटेंट दवाओं पर 100% टैरिफ लगाया है। जबकि, किचन कैबिनेट्स पर 50%, असबाबवाला फर्नीचर पर 30% और बड़े ट्रकों (राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से) पर 25% टैरिफ लगान का निर्णय लिया है। बताया कि इससे घरेलू सुरक्षा और इंडस्ट्री को संरक्षण मिलेगा।

ट्रक आयात पर बैठाई थी जांच

डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रकों पर टैरिफ को राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जोड़ा। उन्होंने कहा कि भारी मात्रा में ट्रकों के आयात से अमेरिका की सुरक्षा और घरेलू उत्पादन दोनों पर खतरा है। इसी साल ट्रंप ने ट्रक आयात को लेकर जांच के आदेश भी दिए थे।

भारत पर क्या होगा असर?

भारत दवाओं का एक बड़ा निर्यातक है। भारत ने पिछले साल (2024) अमेरिका को 31,626 करोड़ की दवाएं एक्सपोर्ट की है। इसी तरह 2025 में अब तक यह आंकड़ा 32,505 करोड़ पार कर चुका है।

ये फार्मा कंपिनयां करती हैं एक्सपोर्ट

भारत की जेनरिक दवाएं अमेरिका में किफायती इलाज का अहम जरिया बनी हुई हैं। डॉ. रेड्डी, सन फार्मा, ल्यूपिन और अरबिंदो फार्मा जैसी कंपनियां अमेरिकी बाजार में बड़े पैमाने पर काम कर रही हैं। इन कंपनियों की मार्केट वैल्यू और शेयर भी गिर सकते हैं।

जेनरिक दवाओं को फिलहाल राहत

अमेरिका ने फिलहाल ब्रैंडेड और पेटेंट दवाओं पर ही टैरिफ लगाया है। ऐसे में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कॉम्प्लेक्स जेनरिक दवाएं (Complex Generics) इस टैरिफ के दायरे में आएंगी या नहीं।

फार्मा सेक्टर को 50% टैरिफ से थी राहत

अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर पहले ही 50% टैरिफ लगा रखा है। इसमें रूस से तेल खरीदने के विरोध में लगाया गया 25% अतिरिक्त शुल्क भी शामिल है। फार्म सेक्टर को इस टैरिफ से राहत दी गई थी, लेकिन अब इस पर भी टैरिफ लगा दिया।

100% टैरिफ का क्या होगा असर?

ब्रांडेड दवाओं पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने से अमेरिका में यह दवाएं दोगुनी महंगी हो जाएंगी। इससे इनकी डिमांड और सप्लाई प्रभावित होगी। उत्पादन घटेगा तो न सिर्फ कंपनियों का मुनाफा, बल्कि हजारों लोगों के रोजगार पर भी संकट आ सकता है। हालांकि, कंपनियां अन्य देशों में US मार्केट का विकल्प तलाशेंगी।

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