चुनावी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: अब 16 साल के युवा भी डाल सकेंगे वोट; जानें ब्रिटेन ने विदेशी चंदे पर क्यों लगाई रोक?

ब्रिटेन में ऐतिहासिक बदलाव: 16 साल में मिलेगा वोटिंग अधिकार
New Voting Rule UK Election : ब्रिटेन ने लोकतांत्रिक प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए वोटिंग की न्यूनतम उम्र 18 से घटाकर 16 साल कर दी है। यानी अब 16 और 17 साल के युवा भी वहां के चुनावों में वोट डाल सकेंगे। सरकार का यह फैसला युवाओं की राजनीतिक भागीदारी और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ाने वाला बताया जा रहा है। आइये जानते हैं यूनाइटेड किंगडम ने ऐसा क्यों किया?
1969 के बाद पहला बड़ा बदलाव
ब्रिटेन ने चुनावी प्रक्रिया में आखिरी बदलाव 1969 में किया था। तब वोटिंग के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल से घटाकर 18 की गई थी। 56 साल बाद अब एक बार पुन: वोटिंग की उम्र 16 साल निर्धारित की गई है। इससे न केवल लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि उन युवाओं को भी जनप्रतिनिधि चुनने का अधिकार मिल गया, जो सैन्य सेवा में कार्यरत हैं।
स्कॉटलैंड और वेल्स से शुरू हुई पहल
ब्रिटेन में अभी 16-17 वर्ष के युवाओं को केवल स्कॉटलैंड और वेल्स में कुछ विशेष चुनावों में वोट देने की अनुमति थी, लेकिन अब यह अधिकार पूरे देश में लागू होगा।
विदेशी चंदे पर लगी लगाम
- ब्रिटेन की सरकार ने चुनावों में पारदर्शिता लाने और विदेशी दखल को रोकने के लिए राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे पर सख्ती की है। अब कोई भी पार्टी 500 पाउंड (लगभग 58 हजार रुपये) से अधिक का चंदा विदेश से नहीं ले सकेगी।
- लंदन सरकार का यह कदम एलन मस्क जैसे अरबपतियों द्वारा ब्रिटेन की राजनीति में संभावित हस्तक्षेप को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है। राजनीतिक दान देने वाली कंपनियों को अब यह प्रमाणित करना होगा कि वे ब्रिटेन या आयरलैंड से हैं और उनकी आय वहीं से हुई है।
वोटर आईडी में भी बदलाव
ब्रिटेन की सरकार ने मतदान प्रक्रिया में बदलाव करते हुए अब बैंक कार्ड, डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस और वेटरन कार्ड जैसे दस्तावेजों को भी वोटर पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किए जाने का प्रावधान जोड़ा है। हालांकि, कुछ विपक्षी दलों ने इसे सुरक्षा के लिहाज से अनुचित बताया है।
95 लाख युवा होंगे लाभान्वित
IPPR थिंक टैंक की रिपोर्ट के अनुसार, इस निर्णय से करीब 95 लाख युवाओं को वोटिंग का अधिकार मिलेगा, जो ब्रिटेन की कुल वोटिंग आबादी (लगभग 4.8 करोड़) का बड़ा हिस्सा हैं।
सत्ता का जवाबदेह बनाना मकसद
- उप-प्रधानमंत्री एंजेला रेनर ने कहा कि लोगों का लोकतंत्र से विश्वास टूट रहा था। यह बदलाव जनता को दोबारा जोड़ने और युवा वर्ग को भागीदार बनाने का प्रयास है।
- यह फैसला सिर्फ चुनावी व्यवस्था का बदलाव नहीं है, बल्कि एक नई पीढ़ी को लोकतंत्र का हिस्सा बनाने का ऐतिहासिक प्रयास है। ब्रिटेन का यह कदम कई अन्य लोकतंत्रों के लिए प्रेरणा बन सकता है।
