बांग्लादेश में हिंसा: एक और हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या, दीपू दास के बाद दूसरी बड़ी वारदात

Bangladesh Hindu Violence: Amrit Mandal Lynched After Dipu Das Killing.
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बांग्लादेश में एक और हिंदू युवक की हत्या, भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। दीपू दास के बाद दूसरी बड़ी वारदात। 

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे। राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। इससे पहले दीपू चंद्र दास की ईशनिंदा के आरोप में हत्या हुई थी।

ढाका: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां राजबाड़ी जिले के पांग्शा उपजिला में 29 वर्षीय हिंदू युवक अमृत मंडल उर्फ सम्राट की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह घटना 24 दिसंबर 2025 की रात करीब 11 बजे होसैंदांगा पुराने बाजार में हुई।

पुलिस के अनुसार, स्थानीय लोगों ने अमृत पर जबरन वसूली का आरोप लगाया था, जिसके बाद स्थिति बेकाबू हो गई और भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। हमले के बाद अमृत को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस रिकॉर्ड में अमृत मंडल को एक स्थानीय गुट 'सम्राट बहिनी' के नेता के रूप में दर्ज किया गया था। वे होसैंदांगा गांव के निवासी थे और उनके खिलाफ पहले भी कुछ मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या का आरोप भी शामिल है।


बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं पर हिंसा जारी है। लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। वो मांग कर रहे हैं कि हिंदुओं को भी बांग्लादेश में रहने का अधिकार है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अमृत लंबे समय से वसूली और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल थे। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है, जिसे नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। अधिकारियों ने हमले में शामिल लोगों की पहचान करने और लिंचिंग के कारणों की जांच शुरू कर दी है।

यह हत्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों की श्रृंखला का हिस्सा लगती है। इससे कुछ दिन पहले, 18 दिसंबर 2025 को मैमनसिंह जिले के भालुका में एक फैक्ट्री मजदूर दीपू चंद्र दास की भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

दीपू की उम्र करीब 27 वर्ष थी और वे एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करते थे। हमले के बाद भीड़ ने उनके शव को पेड़ से लटकाया और आग लगा दी। जांच में पता चला कि ईशनिंदा के आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं मिला। यह संभवतः फैक्ट्री में कार्यस्थल विवाद से उपजा था। इस घटना में अब तक कई गिरफ्तारियां हुई हैं और अंतरिम सरकार ने हिंसा की निंदा की है।

बांग्लादेश में अगस्त 2024 के बाद से राजनीतिक अस्थिरता के बीच अल्पसंख्यकों पर हमलों में वृद्धि देखी गई है। हाल की हिंसा छात्र नेता की हत्या से जुड़े प्रदर्शनों से भी जुड़ी हुई है, जिसमें मीडिया संस्थानों और अन्य जगहों पर तोड़फोड़ हुई। इन घटनाओं ने हिंदू समुदाय में भय पैदा किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ाई है।

भारत ने बदलते हालात पर नजर रखते हुए बांग्लादेशी अधिकारियों से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों को सजा देने की मांग की है। विशेषज्ञों का मानना है कि कानून-व्यवस्था की कमी और भीड़ की हिंसा से देश में अराजकता फैल रही है, जिसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।

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