Bangladesh Violence: हसीना विरोधी नेता को घर में घुसकर गोली, हादी की हत्या के बाद दूसरा बड़ा हमला

बांग्लादेश में उस्मान हादी की हत्या के बाद फिर सियासी खूनखराबा। हसीना विरोधी छात्र नेता पर घर में घुसकर जानलेवा हमला।
बांग्लादेश में फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों से पहले राजनीतिक हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। चुनावी सरगर्मियों के बीच नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमले देश की कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के खुलना डिवीजन प्रमुख और पार्टी की श्रमिक इकाई ‘एनसीपी श्रमिक शक्ति’ के केंद्रीय आयोजक मोहम्मद मोतालेब सिकदर (42) पर 22 दिसंबर 2025 को सुबह करीब 11:45 बजे जानलेवा हमला हुआ। यह घटना खुलना शहर के सोनाडांगा इलाके में गाजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास हुई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अज्ञात बदमाशों ने सिकदर के सिर के बाएं हिस्से पर गोली चलाई। गोली कान के पास से घुसकर दूसरी ओर से निकल गई। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तुरंत खुलना मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर बताई। बाद में सीटी स्कैन के लिए उन्हें सिटी इमेजिंग सेंटर भेजा गया। राहत की बात यह रही कि गोली त्वचा को छेदते हुए निकल गई और फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पुलिस जांच जारी, हमलावरों का सुराग नहीं
सोनाडांगा मॉडल पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी अनिमेष मंडल ने पुष्टि की कि हमलावरों की पहचान और हमले के पीछे की मंशा अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस का कहना है कि आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। हालांकि, अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।
ढाका में हुई हत्या से पहले ही भड़का था माहौल
यह हमला हाल ही में हुई एक और बड़ी घटना के बाद सामने आया है। 12 दिसंबर 2025 को ढाका में इंकिलाब मंच के प्रवक्ता और ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
मस्जिद से निकलते समय बाइक सवार दो हमलावरों ने उनके सिर में गोली मारी थी। गंभीर हालत में उन्हें पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल, फिर एवरकेयर अस्पताल और अंततः सिंगापुर जनरल अस्पताल ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई।
हादी की हत्या के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे। कई इलाकों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए। अब तक इस मामले में भी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
छात्र-नेतृत्व वाली पार्टियों पर बढ़ते हमले
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये दोनों घटनाएं छात्र-नेतृत्व वाली नई पार्टियों और उभरते राजनीतिक चेहरों पर लक्षित हमलों की कड़ी का हिस्सा हैं। एनसीपी का गठन 2024 के छात्र आंदोलन के बाद हुआ था और मोतालेब सिकदर उसी आंदोलन के प्रमुख आयोजकों में से एक रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह खुलना में पार्टी की श्रमिक रैली की तैयारी में जुटे थे।
चुनाव से पहले बढ़ी चुनौती
फरवरी 2026 के आम चुनावों से पहले बांग्लादेश के सामने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। अंतरिम सरकार ने हिंसा की घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई और दोषियों को सजा दिलाने का भरोसा दिलाया है, लेकिन लगातार हो रहे हमलों से जनता का भरोसा डगमगा रहा है।
राजनीतिक दलों और नागरिक समाज ने चुनावी माहौल को सुरक्षित बनाने, नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी है। आने वाले दिनों में बांग्लादेश की सियासत किस दिशा में जाती है, इस पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।
