Election 2018: बांग्लादेश के पूर्व चुनाव आयुक्त नुरुल हुदा चुनावी हेराफेरी में गिरफ्तार, पब्लिक ने जूतों से पीटा; देखें Video

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बांग्लादेश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त चुनावी हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार  

पूर्व चुनाव आयुक्त केएम नूरुल हुदा को 2018 के चुनाव में हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। डीबी की हिरासत में पूछताछ, बीएनपी ने दर्ज कराई FIR।

Bangladesh EX CEC Nurul Huda Arrest: बांग्लादेश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) केएम नुरुल हुदा को चुनावी हेराफेरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। 74 वर्षीय हुदा को रविवार (22 जून) शाम पब्लिक ने हिरासत में लिया और पुलिस को सौंप दिया। इस दौरान उनसे मारपीट करते हुए जूतों की माला पहनाई। हुदा के खिलाफ 2018 के राष्ट्रीय चुनाव में कथित हेराफेरी का आरोप है। ढाका के शेर-ए-बांग्ला नगर पुलिस स्टेशन में हुदा सहित 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

नूरुल हुदा को रविवार शाम ही सुरक्षा कारणों के चलते डीबी कार्यालय स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) कथित चुनावी धोखाधड़ी के मामले में उससे पूछताछ कर रही है।

पूर्व CEC पर जूते फेंकते दिखे लोग
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोगों के एक समूह पूर्व सीईसी पर जूते फेंकते दिख रहे हैं। कुछ लोगों ने उनके गाल पर जूते मारे। इस दौरान भीड़ में शामिल लोग नारे भी लगा रहे हैं। पुलिस उन्हें जब गिरफ्तार करके ले गई, उस समय टी-शर्ट पहन रखी थी। बांग्लादेश सरकार के सेवानिवृत्त सचिव नूरुल हुदा ने 2017 से 2022 तक देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में कार्य किया। 2018 के आम चुनाव उनके सीईसी रहते हुए हुए थे।

पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत 24 आरोपी
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) के अनुसार, हुदा से उन आरोपों के संबंध में पूछताछ की जाएगी कि 2018 के चुनाव में उनकी देखरेख में हेरफेर किया गया था। बीएनपी ने 24 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें तीन पूर्व सीईसी, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री और चार पूर्व पुलिस महानिरीक्षक शामिल हैं।

अवामी लीग सरकार में गड़बड़ी का आरोप
शेर-ए-बांग्ला नगर पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी मोहम्मद इमामुल हक ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि मामला 2014, 2018 और 2024 के आम चुनावों में कथित चुनावी धोखाधड़ी का है। अवामी लीग सरकार के कार्यकाल में हुए थे।

नूरुल हुदा से पूछे जाएंगे ये सवाल
डीएमपी अधिकारियों ने बताया कि नूरुल हुदा से पूछताछ की जा रही है कि 2018 का चुनाव कथित तौर पर कैसे आयोजित किया गया था, इसकी योजना बनाने में कौन शामिल था। उस समय चुनाव आयोग की क्या भूमिका थी? पूछताछ के दौरान एकत्र किए गए साक्ष्य और गवाही अदालत में पेश की जाएगी।

चुनावी हेरफेर को बढ़ावा देने का आरोप
बीएनपी ने इससे पहले 2018 में चुनाव आयोग को औपचारिक शिकायतें सौंपी थीं, जिन पर पार्टी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें आयोग के अधिकारियों पर संविधान का उल्लंघन करने और चुनावी हेरफेर को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था।

उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो बीएनपी राष्ट्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन खान ने रविवार (22 जून) को आधिकारिक तौर पर आपराधिक मामला (केस नंबर 11) दायर किया।

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