America Iran airstrike: ईरान पर अमेरिकी हमला, दुनिया भर में मचा हड़कंप; कई देशों ने की निंदा

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ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद दुनिया भर में मचा हड़कंप, कई देशों ने की निंदा; जानिए किसने क्या कहा?

22 जून को अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों (Fordow, Natanz, Esfahan) पर एयरस्ट्राइक की। रूस, चीन, भारत, UN समेत कई देशों ने इस पर चिंता जताई और संयम की अपील की। जानिए दुनिया ने कैसे प्रतिक्रिया दी।

America Iran airstrike global reaction: अमेरिका ने रविवार (22 जून 2025) को ईरान के तीन परमाणु स्थलों (Fordow, Natanz, Esfahan) पर हवाई हमला किया। इसका कारण ईरान की परमाणु गतिविधियां और क्षेत्रीय तनाव बताया गया। इन हवाई हमलों ने वैश्विक राजनीति में खलबली मचा दी है।

अमेरिकी हमले के बाद दुनिया के कई देशों ने अमेरिका की तीखी आलोचना की है और इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया है। रूस, चीन, यूरोपीय संघ, भारत, सऊदी अरब, कतर और संयुक्त राष्ट्र समेत कई वैश्विक शक्तियों ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

किस देश ने क्या कहा?

ईरान: अमेरिका के हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। ईरानी सेना ने चेतावनी दी: “इसका बदला लिया जाएगा।” Hormuz जलडमरूमध्य बंद करने की चेतावनी दी गई।

अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले को सैन्य सफलता बताया। अमेरिका ने कहा- सिर्फ सुरक्षा के लिए हमला किया गया।

रूस और चीन: हमले की कड़ी निंदा की। कहा- यह कदम वैश्विक शांति के लिए खतरा है।

यूरोपीय संघ और UK: सैन्य कार्रवाई की आलोचना करते हुए कूटनीतिक समाधान पर ज़ोर दिया। UK ने अपनी सुरक्षा बैठक बुलाई और तनाव घटाने की अपील की।

मध्य पूर्व देश (Middle East Countries): सऊदी अरब, कतर और UAE ने कहा कि क्षेत्र में तनाव बढ़ाना खतरनाक है। संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की।

भारत: प्रधानमंत्री मोदी ने शांति और बातचीत की अपील की। भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने को कहा। मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन से बातचीत की और उन्होंने क्षेत्रीय तनाव को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हमने वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की है।

संयुक्त राष्ट्र: महासचिव गुटेरेश ने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा है। IAEA ने बताया कि परमाणु रेडिएशन का कोई लीक नहीं हुआ।

अधिकांश देश अमेरिका के हमले से असहमत हैं और शांति की वकालत कर रहे हैं। यह हमला मध्यपूर्व में एक नए युद्ध की आशंका को जन्म दे सकता है। दुनिया भर से कूटनीति, संयम और संवाद की मांग उठ रही है।

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