दफ्तर और गलियों का कचरा उठाएगा रोबोट, इंजीनियरिंग के छात्र ने किया कमाल

दफ्तर और गलियों का कचरा उठाएगा रोबोट, इंजीनियरिंग के छात्र ने किया कमाल
X
भारत सरकार अखिल भारतीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं का आयोजन कराती है।

नई दिल्ली.आपके घर दफ्तर और आसपास के इलाके में गंदगी रहती है और आपके पास समय नहीं है तो कोई बात नहीं। सिंदरी शहरपुरा निवासी द्वारिका प्रसाद श्रीवास्तव के पुत्र और इंजीनियरिंग के छात्र अंकुश श्रीवास्त ने ऐसे रोबोट बनाए हैं, जो इस समस्या से छुटकारा दिलाएगा। उन्होंने घर, दफ्तर और गलियों का कचरा उठाने के लिए रोबोट बनाए हैं।

अंकुश अब तक आम लोगों के उपयोग के चार उपकरण बना चुके हैं। इनमें से दो-कॉब वेब क्लीनर और पिक पॉकेट को पेटेंट कराने के लिए वर्ष 2008 में आवेदन किया है । और शेष दो रोबोट और नेत्रहीनों की सुरक्षा के डिवाइस के पेटेंट राइट के लिए आवेदन करने वाले हैं। उन्हें वर्ष 2009 में अपने बेस्ट इनोवेशन के लिए नई दिल्ली के पूसा कैंपस में आयोजित 5वें राष्ट्रीय बाइनियल कंपीटिशन में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से पुरस्कृत भी हो चुके हैं। उनकी पढ़ाई सिंदरी के सरस्वती विद्या मंदिर में हुई है। अभी वे मोतिहारी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रोनिक्स स्ट्रीम के सातवें समेस्टर के छात्र हैं।

भारत सरकार अखिल भारतीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं का आयोजन कराती है। उनमें चुने जाने पर नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन नामक सरकारी संस्था ही बेस्ट इनोवेशन के प्रोडक्ट्स के पेटेंट राइट फाइल कर देती है। इसके साथ और भी दो तरीके हैं या तो खुद ही वेबसाइट से पेटेंट का फोरमेट डाउनलोड कर इस रिजन के कोलकाता ऑफिस में रजिस्ट्रेशन फीस के साथ फाइल कर सकते हैं या फिर पेटेंट फाइल कराने वाली किसी अन्य संस्था की मदद ले सकते हैं।

नीचे की स्लाइड्स में जानिए, रोबोट के बारे में

खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि और हमें फॉलो करें ट्विटर पर-

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

  • 1
  • 2

  • Next Story