मेडिकल साइंस का चमत्कार, सिर-प्रत्यारोपण करेंगे डॉक्टर!
नामुमकिन सा सुनाई देने वाला ये काम जल्द ही हकीकत बनने वाला है। डेली मेल के मुताबिक रूस की राजधानी मॉस्को से 120 मील दूर व्लादिमिर में रहने वाले 30 साल के वैलेरी स्पिरिडोनोव दुनिया के वो पहले शख्स कहलाएंगें, जिनके सिर का प्रत्यारोपण किया जाएगा।

नई दिल्ली. मेडिकल साइंस इतनी तरक्की कर चुका है कि आज की तारीख में लोग किडनी, गुर्दा और दिल जैसे नाजुक अंगों का ट्रांसप्लांट करा कर खुद को नई जिंदगी देते हैं।तो क्या सिर का प्रत्यारोपण यानि हेड-ट्रांसप्लांट भी मुमकिन है? नामुमकिन सा सुनाई देने वाला ये काम जल्द ही हकीकत बनने वाला है। डेली मेल के मुताबिक रूस की राजधानी मॉस्को से 120 मील दूर व्लादिमिर में रहने वाले 30 साल के वैलेरी स्पिरिडोनोव दुनिया के वो पहले शख्स कहलाएंगें, जिनके सिर का प्रत्यारोपण किया जाएगा।
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30 साल के वैलेरी जन्म से ही वर्णनिग हॉफमैन नाम की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हैं। ये ऐसी बीमारी होती है जिसमें मांसपेशी लगातार खराब होती जाती है। ये एक जेनेटिक बीमारी है और इसका कोई इलाज नहीं है। पेशे से एक कम्प्यूटर वैज्ञानिक वैलेरी, जिंदगी के 30 साल एक खास तरीके के व्हील चेयर पर बैठकर बिता चुके हैं।
हेड ट्रांसप्लांट मात्र एक फंतासी
तो ऐसे ही किसी एडवांस ऑपरेशन थिएटर में इंसान के सिर का भी प्रत्यारोपण मुमकिन है। यहां ये बताते चलें कि दुनिया के कई नामी डॉक्टरों और सर्जन को इस बारे में पता चला, तो वो डॉ. कैनावेरो को पागल करार दे रहें हैं। सभी के मुताबिक ऐसा सोचना ही पागलपन है क्योंकि ये एक फंतासी मात्र है। ऐसा किया जा सकना नामुमकिन है। अनुमान के मुताबिक सिर-प्रत्यारोपण का ऑपरेशन 36 घंटे तक चलेगा। ऐसी सर्जरी कितनी सफल होगी और कितनी नहीं, ये तो अभी नहीं कहा जा सकता। पर, वैलेरी की मानें तो वो इस जोखिम को उठाने को तैयार हैं।
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ऐसे हो सकेगा प्रत्यारोपण
डॉ. कैनावेरो ने कहा कि सिर को प्रत्यारोपित करने के लिए मरीज और डोनर दोनों के सिरों को ऑपरेशन के दौरान एक ही समय पर तय कटिंग के साथ काट दिया जाएगा। इसके बाद डोनर के शरीर पर पेशेंट का सिर किसी खास तरीके के गम से चिपकाया जाएगा। मांसपेशियों और खून की नलियों को साथ में सिल दिया जाएगा। इस ऑपरेशन के बाद मरीज कुछ हफ्तों के लिए कोमा में चला जाएगा और जब उसे होश आएगा तो वो अपने सिर के नीचे एक स्वस्थ पर अजनबी शरीर को पाएगा।
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