आखिर याकूब को ही क्यों मिली फांसी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये जवाब

आखिर याकूब को ही क्यों मिली फांसी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये जवाब
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याकूब 1996 से डिप्रेशन का शिकार था और 19 साल उसमें जेल में गुजार दिए
नई दिल्ली. मुंबई सीरियल बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को नागपुर सेंट्ल जेल में फांसी दे दी गई है। साल 1993 में मुंबई सीरियल बम धमाकों से दहल गई थी। इन धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए और 713 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे।
इस आतंकी हमले को दाऊद इब्राहिम ने अपने सहयोगी टाइगर मेमन के साथ मिलकर अंजाम दिया था, ताकि कुछ महीने पहले मुंबई में हुए हिंदू-मुस्लिम दंगों का बदला लिया जा सके।
इस मामले में कुल 10 को दोषी बनाया गया लेकिन फांसी केवल याकूब को ही मिली। याकूब को ही क्यों मिली इसका जवाब भी सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि सिर्फ उसे ही फांसी क्यों दी गई, बम रखने वाले 10 दोषियों को क्यों नहीं।
शीर्ष कोर्ट ने बताया कि याकूब ही मुख्य साजिशकर्ता था, बाकी 10 दोषी जरूर थे पर याकूब के इशारे पर काम कर रहे थे। एक अन्य की मौत ट्रायल के दौरान ही हो गई थी। यही वजह थी कि बाकियों की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याकूब के वकील जसपाल सिंह ने दलील पेश की कि उसका कोई क्रिमिनल रेकॉर्ड नहीं था, वब 1996 से डिप्रेशन का शिकार था और 19 साल उसमें जेल में गुजार दिए थे। यह दलील इतनी मजबूत नहीं थी कि याकूब की सजा में कोई नरमी बरती जाती।
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