शेयर मंत्रा: इंट्रा डे के रास्ते पर संभल कर चलें

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By - haribhoomi.com |21 March 2015 6:30 PM
एक ही दिन में शेयर खरीद कर बेच देना इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहलाता है।
नई दिल्ली. एक ही दिन में शेयर खरीद कर बेच देना इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहलाता है। इसमें निवेशक सोचता है कि उसे तुरंत मुनाफा मिल जाएगा, लेकिन इसमें बड़ा जोखिम है कि तेज कमाई की आस में मूल पूंजी भी डूबने का खतरा है। शेयर बाजार में कमाई की हसरत लेकर दांव आजमाने वाले लोगों के लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग एक लुभावना विकल्प है। मैंने लुभावना शब्द का प्रयोग इसलिए किया कि बहुत से नौसिखिए टेडर इंट्रा डे ट्रेडिंग के जोखिम को नहीं समझ पाते हैं। उन्हें लगता है कि एक ही दिन में सौदे का निपटारा हो जाए तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। सुबह दस-ग्यारह बजे आपने कोई शेयर खरीदा। तीन बजे बेच दिया। सिर्फ तीन घंटे में तीन से लेकर दस फीसदी का फायदा मिल सकता है। लेकिन वो भूल जाते हैं कि इस बंपर फायदे के पीछे कितना रिस्क है। फायदे की उम्मीद में किया हुआ ट्रेड उल्टी दिशा में दोहरा नुकसान भी करवा सकता है। इसलिए डे ट्रेडिंग में नुकसान से बचने के लिए बहुत सावधान रहना चाहिए। हम आपको बताते हैं, एक ऐसा महत्वपूर्ण उपाय जिसे अपना कर आप डे ट्रेडिंग में नुकसान से बच सकते हैं।
इंट्रा डे ट्रेडिंग करने के लिए ज्यादातर ब्रोकर ट्रेडर्स को बड़ी मार्जिन मुहैया करवाते हैं। मान लीजिए, आपके ट्रेडिंग एकाउंट में एक हजार रुपए हैं, लेकिन आप डे ट्रेडिंग करते समय आठ हजार रुपए के शेयर खरीद सकते हैं। ऐसा मुमकिन होता है ब्रोकर के सहयोग से। आपका ब्रोकर एक तरह से आपको सात हजार रुपए उधार देता है, वह भी ब्याज लिए बिना। सुनने में यह बात बड़ी आकर्षक लगती है। लेकिन सच्चाई कुछ और है। ब्रोकर आपको ज्यादा मार्जिन इसी शर्त पर देता है कि चाहे आपको फायदा हो या नुकसान, लेकिन हर हालत में उस दिन का मार्केट बंद होने से पहले अपने सौदे का निपटारा करेंगे। यानी ब्रोकर आपको महज कुछ घंटे के लिए रकम उधार दे रहा है। उसका फायदा ये है कि आप एक हजार के बदले आठ हजार का शेयर खरीदेंगे। ज्यादा रकम की खरीद पर ब्रोकर को ज्यादा ब्रोकरेज हासिल होगी। आपको अपने ट्रेड में फायदा हो या नुकसान, ब्रोकर की तो चोखी कमाई हो गई, इसी वजह से उसने आपको मार्जिन दिया। लेकिन यह मत भूलिए कि अगर आप मार्जिन के लालच में आकर एक हजार के बदले आठ हजार की ट्रेडिंग करेंगे तो आपका जोखिम भी आठ गुना बढ़ जाएगा। मान लीजिए कि आपने दोपहर बारह बजे इंट्रा डे ट्रेडिंग में मार्जिन के तहत आठ हजार का सौदा खरीदा। डेढ़ बजे तक वह बढ़कर आठ हजार चार सौ का हो गया, लेकिन उसके बाद मार्केट में प्रॉफिट बुकिंग का सिलसिला शुरू हुआ।
बाजार का रुख बदला और आपके खरीदे शेयरों की कीमत घटकर आठ हजार के नीचे पहुंच गई। दोपहर बाद ढाई बजे तक ये घटकर सात हजार पांच सौ पर पहुंच गया। अब आपके पास मुश्किल से पैंतालीस मिनट का वक्त है। अगर इस बीच बाजार फिर से नहीं चढ़ा तो आपको नुकसान पर ही अपना शेयर बेचना ही होगा। आप इस सौदे को अगले दिन के लिए नहीं रख सकते क्योंकि आपने मार्जिन पर इंट्रा डे ट्रेडिंग की है। तीन घंटे के अंदर आपको पांच-सात फीसदी का नुकसान हो सकता है, जो आपके ट्रेडिंग कैपिटल के लिए काफी घातक है। अगर आपने मार्जिन के लालच में पड़े बिना अपनी मूल पूंजी से इंट्रा डे ट्रेडिंग की होती तो आपके सामने उसी दिन बेचने की मजबूरी नहीं होती। आप सही वक्त आने पर अपना सौदा बेच सकते थे।
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