Video: डोनाल्ड ट्रंप को क्यों नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्कार? वजह जानकर हैरान रह जाएंगे
INH DEBATE
नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। इस बार यह सम्मान वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो को दिया गया है। दूसरी ओर, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नोबेल जीतने की उम्मीदें पूरी तरह चकनाचूर हो गईं।
ट्रंप ने दावा किया था कि अगर उन्हें यह पुरस्कार नहीं मिला, तो यह "अमेरिका का अपमान" होगा। लेकिन नोबेल समिति ने उनकी ख्वाहिश को दरकिनार करते हुए मचाडो को चुना, जिन्होंने वेनेजुएला में लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के लिए अथक संघर्ष किया है।
इस मुद्दे पर हरिभूमि और INH न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने दो प्रमुख विदेश नीति विशेषज्ञों- पूर्व राजनयिक मनीजिव पुरी और विदेश मामलों के जानकार डॉ. राम श्रीवास्तव के साथ खास चर्चा की।
शीर्षक था - "वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरीना मचाडो को मिला शांति का नोबेल! ट्रंप के दावे निकले बेकार।"
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विशेषज्ञों की राय
चर्चा में मनीजिव पुरी ने ट्रंप की नाकामी के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "यूरोप में ट्रंप के प्रति बढ़ती आलोचना और रूस-यूक्रेन युद्ध में ठोस परिणाम न ला पाने के कारण समिति के लिए उन्हें चुनना मुश्किल था। मचाडो का चयन लोकतंत्र के लिए एक वैश्विक संदेश है।"
वहीं, डॉ. राम श्रीवास्तव ने ट्रंप की आत्मप्रशंसा पर तंज कसते हुए कहा, "ट्रंप का रवैया 'अपने मुंह मियां मिट्ठू' जैसा था। तकनीकी रूप से भी उनका चयन संभव नहीं था, क्योंकि नामांकन प्रक्रिया बंद होने तक उनका कार्यकाल बेहद छोटा था।"
दोनों विशेषज्ञों ने मचाडो के संघर्ष को प्रेरणादायक बताया और कहा कि यह पुरस्कार वेनेजुएला में बदलाव की उम्मीद जगाता है।

