150 years of Vande Mataram: संसद में 'वंदे मातरम' पर बहस के क्या मायने हैं? चर्चा में बड़ा खुलासा

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संसद में 'वंदे मातरम' पर हुई ऐतिहासिक बहस ने नए राजनीतिक संकेत दिए हैं। पीएम मोदी और अमित शाह ने कांग्रेस पर बड़े आरोप लगाए, जबकि विपक्ष ने जवाबी हमला बोला। जानिए इस चर्चा के मायने, वंदे मातरम का इतिहास और विशेषज्ञों ने INH Debate में क्या कहा।

150 years of Vande Mataram: संसद में इन दिनों ‘वंदे मातरम’ को लेकर हुई विशेष बहस ने राजनीतिक हलकों में बड़ी हलचल मचा दी है। 150वीं जयंती के अवसर पर शुरू हुई इस चर्चा का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, जिन्होंने वंदे मातरम के इतिहास, प्रकाशन और आजादी के आंदोलन में इसकी अहम भूमिका को विस्तार से रखा। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि मुस्लिम लीग के दबाव में कांग्रेस ने इसके पूर्ण रूप को स्वीकार नहीं किया था।

इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने लगातार वंदे मातरम का विरोध किया। वहीं प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार के बयानों का जवाब देते हुए कांग्रेस का पक्ष रखा।

इस बहस के मायनों पर INH और हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने अपने खास शो 'चर्चा' में वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीयूष बवेले, इतिहासकार डॉ. रवि भट्ट, भाजपा नेता डॉ. चिंतामणि मालवीय और वरिष्ठ पत्रकार रमेश शर्मा के साथ चर्चा की।

वीडियो में देखिए किसने क्या कहा


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