पंजाब की राजनीति में बड़ा सवाल: "आप” से लगातार हार, क्या फिर साथ आएंगे बीजेपी-अकाली? जानिए सच
पंजाब के जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति में बड़ा संकेत दे दिया है। 14 दिसंबर को हुए इन स्थानीय चुनावों के परिणाम अब सामने हैं, जिनमें आम आदमी पार्टी (आप) ने करीब 50 फीसदी सीटों पर कब्जा जमाकर शानदार जीत दर्ज की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिरोमणि अकाली दल को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
लगातार चुनावी पराजयों से अकाली दल पहले ही मुश्किल दौर से गुजर रहा है, जबकि बीजेपी भी पंजाब में अपना जनाधार बढ़ाने में नाकाम रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सिर्फ 2 और अकाली दल मात्र 3 सीटों पर सिमट गया था, जो अकाली दल के इतिहास की सबसे शर्मनाक हार मानी जाती है। इससे पहले 2017 में भी बीजेपी-अकाली गठबंधन सत्ता से बाहर हो गया था।
यही वजह है कि अब एक बार फिर दोनों दलों के बीच गठबंधन की चर्चा तेज हो गई है। गौरतलब है कि 25 साल पुराना बीजेपी-अकाली दल गठबंधन 2020 में कृषि कानूनों के मुद्दे पर टूट गया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत पंजाब बीजेपी के कई बड़े नेता मानते हैं कि बिना गठबंधन के 2027 के संभावित विधानसभा चुनाव में सत्ता में आना लगभग असंभव है।
इसी अहम विषय पर हरिभूमि–INH के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने बीजेपी, आम आदमी पार्टी और अकाली दल के प्रवक्ताओं के साथ गहन चर्चा की।
इस खास पेशकश के पैनल में शामिल हुए-
- लोकेश नारंग, बीजेपी प्रवक्ता
- संदीप बंधु, आप प्रवक्ता
- परमवीर सिंह, अकाली दल प्रवक्ता
चर्चा का सबसे बड़ा सवाल-
पंजाब: "आप" से लगातार मात, क्या बीजेपी-अकाली आएंगे साथ?
इस पर प्रवक्ताओं ने क्या कहा?
