बिहार चुनाव 2025: तेजस्वी यादव के बड़े-बड़े वादों में कितना है "दम", यहां देखिए घोषणापत्र का पूरा सच
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन ने मंगलवार, 28 अक्टूबर को अपना साझा घोषणापत्र जारी किया, जिसका नाम रखा गया है ‘बिहार का तेजस्वी प्रण’। इस घोषणापत्र में युवाओं को रोजगार, महिलाओं को सम्मान और आम जनता को राहत देने वाले कई वादे बड़े शामिल हैं।
मुख्य वादों में-
हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम 20 दिनों में लाने का वादा
- 20 महीनों के भीतर रोजगार प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा
- गरीब परिवारों को ₹500 में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का वादा
- जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की बात
सवाल बहुतेरे हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ये वादे व्यावहारिक हैं और जनता पर इनका कितना असर होगा?
इसी पर INH और हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने मंगलवार को लोकप्रिय कार्यक्रम "चर्चा" में विशेष विश्लेषण किया और इन वादों के पीछे की मंशा और सचाई जनाने की कोशिश की। चर्चा में शामिल हुए-
- डॉ. राकेश रंजन (आरजेडी प्रवक्ता)
- पंकज यादव (कांग्रेस प्रवक्ता)
- राकेश पोद्दार (भाजपा प्रवक्ता)
INH की स्पेशल ‘चर्चा’ में देखिए पूरा विश्लेषण
भाजपा प्रवक्ता राकेश पोद्दार ने कहा, “तेजस्वी यादव जो वादे कर रहे हैं, वे खोखले हैं। जब लालू यादव सत्ता में थे, तब क्यों नहीं लोगों को नौकरी दी गई?”
वहीं आरजेडी प्रवक्ता डॉ. राकेश रंजन ने पलटवार करते हुए कहा, “बीजेपी ने बिहार को ठगा है। चीनी मिलें बंद पड़ी हैं और केंद्र सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है।”
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज यादव ने कहा, “हमारे पास ठोस ब्लूप्रिंट है। जो कहा है, उसे पूरा करेंगे। तेजस्वी यादव पर जनता को भरोसा है।”

