SIR विवाद: बिहार के बाद 12 राज्यों में मतदाता सूची शुद्धिकरण पर विपक्ष क्यों चिंतित? देखिए "चर्चा" में बड़ा खुलासा

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चुनाव आयोग ने बिहार के बाद 12 राज्यों में मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) शुरू करने का ऐलान किया है। कांग्रेस ने पारदर्शिता पर सवाल उठाए, भाजपा ने पलटवार किया और पूर्व चुनाव आयुक्त ने दी सफाई। देखिए पूरी चर्चा वीडियो में।

Voter List Update 2025: बिहार के बाद अब 12 राज्यों में मतदाता सूची शुद्धिकरण पर सियासत तेज हो गई है। चुनाव आयोग द्वारा Special Intensive Revision (SIR) की घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।

आयोग ने सोमवार को ऐलान किया कि बिहार के बाद अब पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, गोवा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम मंगलवार, 28 अक्टूबर शुरू हो रहा है, जो तीन माह यानी 7 फरवरी तक पूरा कर लिया जायेगा। इन सभी राज्यों में अगले तीन वर्षों में विधानसभा चुनाव होने हैं।

इस घोषणा के बाद inh न्यूज़ और हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने 12 राज्यों की वोटर लिस्ट रिवीजन पर विशेष "चर्चा" की। इस डिबेट में शामिल हुए-

  • कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत
  • भाजपा प्रवक्ता डॉ. ममता त्यागी
  • पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. आलोक शुक्ला

एक सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा- लड़ाई जमीन में भी लड़ेंगे, लड़ाई अदालत में भी लड़ेंगे, संसद में भी लड़ेंगे, लेकिन किसी का एक वोट नहीं कटने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग सुधर जाए...

यहां देखिए पूरी चर्चा

चर्चा के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “बिहार मामले में उठे सवालों का जवाब दिए बिना अब 12 राज्यों में SIR शुरू करना उचित नहीं।”

वहीं, भाजपा प्रवक्ता डॉ. ममता त्यागी ने कहा कि “कांग्रेस अपनी हार को छिपाने के लिए हर बार चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाती है, कभी EVM, तो अब SIR।”

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. आलोक शुक्ला ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि “यह एक नियमित प्रक्रिया है, जो चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में की जा रही है। बिहार में पहले ही SIR पूरा हो चुका है और किसी दल ने ठोस प्रमाण के साथ आपत्ति नहीं जताई।”

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