Hidma Encounter: दिग्विजय सिंह ने नक्सल एनकाउंटर पर उठाए सवाल, मचा घमासान; बीजेपी का पलटवार- देखें वीडियो

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बस्तर एनकाउंटर में हिडमा समेत 6 नक्सलियों के मारे जाने पर दिग्विजय सिंह ने PESA, आदिवासी अधिकार और SIR वोटर लिस्ट पर सवाल उठाए। बीजेपी ने किया पलटवार। आखिर नक्सल के समर्थन आवाजें क्यों उठीं? जानिए

छत्तीसगढ़ के बस्तर में हुए बड़े नक्सल एनकाउंटर में मोस्ट वांटेड हिडमा समेत 6 नक्सलियों के मारे जाने के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोस्ट वांटेड हिडमा के एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। इस पर सियासी घमासान मच गया है। बीजेपी ने भी पलटवार किया है।

दिग्विजय सिंह ने X पर लिखा-

“मैं नक्सलियों की हिंसा का घोर विरोधी हूं। आत्मसमर्पण के मॉडल का समर्थन करता हूं, क्योंकि उन्हें सामाजिक-आर्थिक रूप से मुख्यधारा में लाना होगा।

सवाल यह है कि क्या केंद्र सरकार पूरे Schedule Areas, विशेषकर बस्तर में PESA कानून ईमानदारी से लागू कर रही है?

क्या बस्तर की खनिज संपत्ति में स्थानीय आदिवासियों की अधिकारिक भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है?

SIR में मांगे जा रहे कागजात क्या नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासियों के पास होते हैं, जिससे वे मतदाता सूची में शामिल हो सकें?

भाजपा आदिवासी हितों की कभी समर्थक नहीं रही।”

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने समर्थन करते हुए कहा कि जब राज्य और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब ‘डकैत समस्या’ आत्मसमर्पण मॉडल से खत्म हुई थी।

उन्होंने कहा कि एनकाउंटर में सिर्फ नक्सली ही नहीं, बल्कि हमारे जवान भी शहीद होते हैं, इसलिए संवाद और पुनर्वास मॉडल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

इस पूरे विवाद पर INH और हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने विशेष चर्चा की।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि,

नक्सलियों के समर्थन में आवाजें क्यों?

इस चर्चा में तीन खास पैनलिस्ट शामिल हुए-

  • महेश कश्यप- बस्तर के भाजपा सांसद
  • शुभ्रांशु चौधरी- नक्सल मामलों के विशेषज्ञ
  • संतराम नेताम- पूर्व कांग्रेस विधायक

इस खास चर्चा में किसने क्या कहा?

जानने के लिए यहां देखिए पूरा वीडियो


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