मैंने कभी किसी ट्रेंड को फॉलो नहीं किया: वरुण बडोला

मैंने कभी किसी ट्रेंड को फॉलो नहीं किया: वरुण बडोला
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तिग्मांशु धूलिया के लिए संवाद लेखन और उनके असिस्टेंट के तौर पर काम भी कर चुके हैं।
मुंबई. वरुण बडोला अपने बीस साल के करियर में लगभग तीस के करीब टीवी शो कर चुके हैं। कुछ फिल्में भी की हैं। ‘नच बलिए’ में उन्हें लोगों ने डांस करते हुए देखा तो कई बार वह टीवी पर गाते भी दिखाई दिए। वरुण बहुत अच्छे लेखक भी हैं। फिल्ममेकर तिग्मांशु धूलिया के लिए संवाद लेखन और उनके असिस्टेंट के तौर पर काम भी कर चुके हैं। इन दिनों वह बिग मैजिक चैनल पर प्रसारित शो ‘लेते हैं खबर विद वरुण बडोला’ को होस्ट कर रहे हैं। साथ ही स्टार प्लस पर उनका शो ‘मेरे अंगने में’ भी आ रहा है। बातचीत वरुण बडोला से।
‘लेते हैं खबर विद वरुण बडोला’ में आपको क्या खास लगा?
मुझे यह शो बाकी शोज से अलग लगा। अब तक मैंने कभी इस तरह का वर्क किया भी नहीं था, इसलिए हां कर दी। आप खुद देख रहे होंगे कि इस शो का ट्रीटमेंट डिफरेंट है। अपने आस-पास की रोज की छोटी-बड़ी खबरों को बहुत ही मजाकिया अंदाज में पेश किया जा रहा है और हर खबर की खबर ली जा रही है। खबर में थोड़ा मिर्च-मसाला लगाकर थोड़ा व्यंग्यात्मक रूप में पेश किया जा रहा है।
किस तरह की खबरों की खबर ले रहे हैं आप?
इस शो में हम दुनिया भर की खबरें ले रहे हैं। इस काम को क्रिएटिव टीम देखती है। टीम बहुत सीरियसली वर्क करती है। हमारे शो का मकसद चीज़ों को बदलना नहीं है। न ही हम किसी को कुछ सिखा रहे हैं बल्कि हम तो खबर से खबर निकालकर उसे चुटीले अंदाज में मनोरंजक बनाकर पेश कर रहे हैं।
आपका लुक इस शो में अलग ही है। बाल सफेद करने का कारण क्या रहा?
दरअसल, मैं स्टार प्लस पर एक और शो कर रहा हूं। जिसमें मेरा गेटअप एक मिडिल एज आदमी का है। साथ ही इस शो की शूटिंग भी चल रही है, इसलिए मैंने उसी लुक को रहने दिया। वैसे भी मैं लुक पर बहुत ध्यान नहीं देता। मेरे लिए लुक से ज्यादा महत्व शो का कंटेंट रखता है।
इस शो के लिए आपकी खुद की तैयारी कैसी रही?
देखिए, यह शो बासी खबरों को नहीं उठाता। बासी खबरें बासी ब्रेड की तरह होती हैं, जिन्हें कोई पसंद नहीं करता। दुनिया में क्या चल रहा है, यह तो हमें रोज अखबार पढ़कर पता चल ही जाता है। इसके अलावा शो के राइटर एक बेसिक स्क्रिप्ट लेकर मेरे साथ बैठते हैं और हम लोग बैठकर शूट से एक दिन पहले ब्रीफ तैयार कर लेते हैं। इससे हम सभी को काम करने में आसानी रहती है। मैं भी क्लीयर रहता हूं कि कल मुझे क्या शूट करना है।
‘मेरे अंगने में’ में आप अधेड़ उम्र के व्यक्ति का रोल कर रहे हैं। अभी से इस तरह के रोल करने की क्या जरूरत पड़ी?
मैंने एक शो किया था ‘मान रहे तेरा पिता’। इस शो में मैंने एक अधिक उम्र के व्यक्ति का रोल किया था। दरअसल, यह इशू मेरे लिए कभी नहीं रहा कि मैं अपनी उम्र या अपनी उम्र से कम व्यक्ति का ही रोल करूं। मेरे लिए हमेशा किरदार अहम रहा है। तब मुझे साल के काली प्रसाद का रोल अच्छा लगा था और अब मैं राघव श्रीवास्तव के किरदार को एंज्वॉय कर रहा हूं। एक कलाकार हमेशा अच्छे रोल की तलाश में रहता है, तभी तो अनुपम खेर ने ‘सारांश’ जैसी फिल्म की।
‘लेते हैं खबर’ की बात करें तो अकसर देखा गया है कि ज्यादातर लोग व्यंग्य को मजाक बना देते हैं और इससे दूसरों की भावनाएं आहत होती हैं।
देखिए, मज़ाक और बदतमीज़ी के बीच की रेखा बहुत पतली होती है। पता नहीं कब पैर फिसल जाए, इसलिए हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि हम अपने कार्यक्रम के माध्यम से उस रेखा को पार न करें। मुझे उम्मीद है, ऐसा नहीं होगा क्योंकि हम खबरों को लाइटर वे में पेश कर रहे हैं।
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