''KASPERSKY'' का खुलासा, कंप्यूटरों से दुनिया की जासूसी कर रहा ''US''!

KASPERSKY का खुलासा, कंप्यूटरों से दुनिया की जासूसी कर रहा US!
X
सोमवार को जारी रिपोर्ट में कंपनी ने कहा कि उसे 30 देशों के कंप्यूटरों में जासूसी के लिए लगाए गए एक से अधिक मलवेयर मिले।

वाशिंगटन.अमेरिकी जासूसी कंपनियां कंप्यूटर की हार्ड डिस्क के जरिए कई देशों के अहम संस्थानों की गोपनीय जानकारियों पर नजर रख रही हैं। यह दावा रूसी सॉफ्टवेयर कंपनी कैसपरस्काई ने किया है। उसका कहना है कि अमेरिका ने निर्माण के दौरान ही कंप्यूटर के हार्ड ड्राइव में जासूसी करने वाले सॉफ्टवेयर लगा दिए हैं।

आतंकवाद को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए अमेरिका ने बुलाई बैठक, भारत भी शामिल

कंपनी ने किसी संगठन का नाम नहीं लिया है, पर उसका कहना है कि यह स्टक्सनेट से जुड़ा हुआ है। सोमवार को जारी रिपोर्ट में कंपनी ने कहा कि उसे 30 देशों के कंप्यूटरों में जासूसी के लिए लगाए गए एक से अधिक मलवेयर मिले। इसे अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित करने के लिए तैयार किया था।

अमेरिका में हिंदू मंदिर पर हमला, स्प्रे से लिख दिया 'MUSLIM GET OUT'

एनएसए के एक पूर्व कर्मचारी ने भी कहा कि कैसपरस्काई का विश्लेषण सही है और जासूसी एजेंसियों में ऐसे कुछ लोग हैं, जो ऐसे कार्यक्रमों को जरूरी मानते हैं। इस बीच, एनएसए ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। एजेंसी की प्रवक्ता वैनी विनेस ने कहा कि उसे कैसपरस्काई की रिपोर्ट की जानकारी है। लेकिन वह सार्वजनिक तौर पर इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती हैं।

30 देश निशाने पर: ईरान के कंप्यूटरों को सबसे अधिक निशाना बनाया गया है। रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, माली, सीरिया, यमन और अलजीरिया भी सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। जासूसी करने वाली एजेंसियों के निशाने पर सरकारी और सैन्य संस्थान रहे। दूरसंचार कंपनियों, बैंक, ऊर्जा कंपनियों, परमाणु शोधकतार्ओं के कंप्यूटर, मीडिया और इस्लामिक कार्यकतार्ओं के कंप्यूटर पर भी जासूसों की कड़ी नजर है।

भारत के तीन क्षेत्रों की जासूसी: भारत के रक्षा प्रतिष्ठान, शोध संस्थान और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े संस्थाओं में मौजूद कंप्यूटर सबसे अधिक संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, चीन के दूतावास और विश्वविद्यालयों की सबसे अधिक जासूसी की गई।

इन कंपनियों के हार्डवेयर संक्रमित: कैसपरस्काई की रिपोर्ट में दुनिया भर के करीब एक दर्जन हार्डवेयर निमार्ताओं का उल्लेख है। इनमें वेस्टर्न डिजिटल कॉर्प, सीगेट टेक्नोलॉजी, तोशिबा कॉर्प, आईबीएम, माक्रोन टेक्नोलॉजी इंक और सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक कॉपोर्रेशन लिमिटेड प्रमुख हैं।

साख पर बट्टा: कैसपरस्काई के खुलासे से अमेरिकी की मुश्किल और बढ़ गई है। पूर्व में एनएसए के कांट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन के खुलासे से ही वह अब तक उबर नहीं पाया है। जर्मनी, फ्रांस जैसे सहयोगी देशों के साथ इस मुद्दे को लेकर उसके कूटनीतिक रिश्ते खराब हुए हैं। कैसपरस्काई के इस खुलासे से अमेरिका को एक बार फिर असहज स्थिति का सामना करना पड़ेगा।

सख्त होंगे नियम: इस खुलासे की प्रतिक्रिया में चीन जैसे देश अपने-अपने स्तर पर साइबर सुरक्षा को पुख्ता करेंगे और कानूनी ढांचे में बदलाव करेंगे। बीजिंग पहले ही एक विधेयक का मसौदा तैयार कर चुका है जिसमें बैंक को तकनीकी मदद करने वाले प्रदाता द्वारा जमा किए जा रहे डाटा का कभी भी निरीक्षण किया जा सकता है।

नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, यूजर्स के पास विकल्प नहीं -

खबरों की अपडेट पाने के लिए लाइक करें हमारे इस फेसबुक पेज को फेसबुक हरिभूमि, हमें फॉलो करें ट्विटर और पिंटरेस्‍ट पर-

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

  • 1
  • 2

  • Next Story