जोरदार मुनाफे की ख्वाहिश में, लालच और डर के दोराहे पर हो रहा व्यापार

जोरदार मुनाफे की ख्वाहिश में, लालच और डर के दोराहे पर हो रहा व्यापार
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ट्रेडिंग में लालच का मतलब है- जबरदस्त मुनाफे की ख्वाहिश जो आपको कोई सौदा करने के लिए धकेलती
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नई दिल्ली. दुनिया के सबसे सफल निवेशक माने जाने वाले वॉरेन बफेट ने कहा था- जब दूसरे लोग लालची हों तो आप डरिए, और जब दूसरे लोग डरें तो आप लालची बन जाइए। इस बार वॉरेन बफेट की इसी थ्योरी को समझने की कोशिश करेंगे। मेरी राय में हर रिटेल ट्रेडर को वॉरेन बफेट का ये सिद्धांत आत्मसात कर लेना चाहिए। इस थ्योरी को गौर से देखिए। इस फॉर्मूले में दो शब्दों पर जोर है। लालच और डर। नैतिकता के स्थापित मानदंडों के हिसाब से देखा जाए तो लालच और डर ये दोनों अवगुण माने जाते हैं। लालची और डरपोक इंसान को कभी श्रेष्ठ या विश्वसनीय नहीं माना जाता है, लेकिन मजेदार बात है कि ट्रेडर को लालची और डरपोक बनने की सलाह दी जा रही है। पहली नजर में ये एक उलझी हुई पहेली लगती है, लेकिन दरअसल ऐसा नहीं है। यहां इन शब्दों का इस्तेमाल मुहावरे की तरह हुआ है, इसलिए उनके अर्थ पर नहीं जाइए, बल्कि उनके भाव को समझिए। क्योंकि इस फार्मूले में छिपा है ट्रेडर की सफलता का रहस्य।

जोरदार मुनाफे की ख्वाहिश
पहले बात करते हैं लालच की। ट्रेडिंग में लालच का मतलब है- जबरदस्त मुनाफे की ख्वाहिश जो आपको कोई सौदा करने के लिए धकेलती है। ट्रेडर को लगता है कि अरे ये शेयर तो चढ़ रहा है, अगर इसे नहीं खरीदा तो प्रॉफिट वाली एक्सप्रेस ट्रेन छूट जाएगी। अगर आपके किसी दोस्त, परिचित या रिश्तेदार ने वह शेयर खरीदा है तो आप और भी बेचैन हो जाते हैं, आपको लगता है कि वह मालामाल हो जाएगा और आप हाथ मलते रह जाएंगे। इसलिए आप भी बहती गंगा में हाथ धोने के लिए कूद पड़ते हैं। लेकिन कूदने के बाद मालूम पड़ता है कि आप विपरीत और तेज धारा में फंस गए हैं। यहां पूंजी डूबने का डर है और घाटे का दलदल है। बदकिस्मती से ज्यादातर ट्रेडर किसी शेयर को खरीदते समय सही आकलन और विश्लेषण करने के बदले लालच में फंसकर अपना नुकसान करवा बैठते हैं।

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