Lok Sabha elections 2024: कैसे होती है वोटों की गिनती? EVM-बैलेट पेपर में अंतर क्या, जानें सबकुछ  

Lok Sabha elections 2024
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कैसे होती है वोटो की गिनती।
Lok Sabha elections 2024: लोगों मन में मतगणना को लेकर कई सवाल आते हैं। आपके इन्हीं सवालों के जबाव आज हम आपको इस लेख में बता रहे हैं।

Lok Sabha elections 2024: भारत में लोकसभा की सभी 543 सीटों पर आज यानी 4 जून 2024 को सुबह 8 बजे से रिजल्ट की काउंटिंग शुरू हो चुकी हैं। मंगलवार को मतगणना के साथ कुछ ही समय में पता चल जाएगा कि केंद्र में किसकी सरकार बनने जा रही हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं कि आखिर कैसे वोटों की गिनती कैसे होती हैं? आपको कैसे पल-पल के चुनाव परिणाम का अपडेट मिलता है... ऐसे कई अन्य सवालों के जबाव आज हमको यहां बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं...

काऊटिंग की प्रोसेस
चुनाव नतीजों वाले दिन सबसे पहले कंट्रोल यूनिट लगी सील को राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों के सामने तोड़ा जाता है। फिर इसके बाद शुरू होती वोट काउटिंग की प्रक्रिया शुरू होती हैं। इसमें सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी और उसके बाद EVM के वोट गिने जाएंगे। आपको बता दें, पोस्टल बैलेट में भी 2 कैटेगिरी से वोटिंग होगी। इसमें पहले सेना, पैरामिलिट्री फोर्स के ऑफिसर्स और जवानों के वोट काउंट होंगे। इसके बाद दूसरी कैटेगिरी में चुनाव ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों, सुरक्षा कर्मियों और अधिकारियों के पोस्टल बैलेट काउंट होंगे।

कैसे होते हैं नतीजे घोषित
बैलेट पेपर के जैसे EVM में काउंटिंग में ज्यादा समय नहीं लगता है। इसके लिए EVM की कंट्रोल यूनिट को एक्टिवेट किया जाता है। एक्टिवेट करने के बाद यूनिट पर लगे रिजल्च बटन पर टैप किया जाता है। बटन पर क्लिक करते ही सीयू (कंट्रोल यूनिट) सभी उम्मीदवारों को मिले मत को दिखाना शुरू कर देती हैं। डिस्प्ले पर दिख रहे रिजल्ट को भी मैन्युअली काउंटिंग ऑफिसर और प्रतिनिधियों द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है। कंट्रोल यूनिट रप रिजल्ट के अलावा एक टोटल बटन भी होता है। इस बटन पर क्लिक करके टोटल वोट्स को भी देखा जा सकता है।

कौन करता है डाक मतपत्रों की गणना?
चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 54 ए के अनुसार, डाक मतपत्रों (ballot papers) की गिनती रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) द्वारा शुरू की जाती हैं। बैलेट पेपर्स की गिनती शुरू होने के 30 मिनट बाद EVM के वोटों की काउंटिंग शुरू होती है।

पोस्टल बैलेट पेपर और evm में क्या है अंतर?
पोस्टल बैलेट एक तरह का पेपर वॉलेट होता है। इसके तहत चुनाव ड्यूटी कर रहे कर्मचारी, सैनिक, सैनिक, आर्मी ऑफिसर, दिव्यांग और 80 से अधिक उम्र के वोटर्स मतदान केंद्र पर आकर evm से वोट नहीं कर पाते हैं। ऐसे मतदाताओं को सर्विस अब्सेंट वोटर कहा जाता है। यहग वोटर्स पोस्टल बैलेट से वोट डालते हैं, जो पोस्ट के माध्यम से वोटर के पास भेजे जाते हैं या चुनाव ड्यूटी दे रहे अधिकारी घर जाकर पोस्टल बैलेट से वोट डलवाते हैं। इनकी संख्या पहले से निर्धारित होती है। आपको बता दें, पोस्टल बैलेट सिर्फ उन्हें मतदाताओं को दिए जाते हैं, जो इसके लिए आवेदन करते हैं और पोस्ट के जरिए ही पोस्टल बैलेट वापस भेज दिए जाते हैं।

वही दूसरी ओर, evm एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जो एक कंट्रोल यूनिट और दूसरी वोटिंग यूनिट 5 मीटर की केबल से जुड़ी होती है। EVM अधिकतम 2000 वोट रिकॉर्ड कर सकती हैं। EVM की अपनी एक स्टोरेज होती है। इसके अंदर 10 साल तक वोट सुरक्षित रखे जा सकते हैं। ईवीएम में बैलेट पेपर नहीं दिया जाता है। इसमें कंट्रोल यूनिट प्रभारी बैलेट बटन दबाकर बैलेट जारी करते हैं। इसके बाद मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार और उसके चुनाव चिह्न के सामने लगे बटन को क्लिक करके वोट करते हैं।

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