भारत में E-Passport सिस्टम शुरू: हाईटेक चिप और AI से है लैस, फ्रॉड को रोकना होगा और भी आसान

India rolls out next-generation e-passports
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India rolls out next-generation e-passports

भारत ने अपने पासपोर्ट सिस्टम में सुधार करते हुए अगली पीढ़ी के ई-पासपोर्ट का रोल आउट शुरू किया है। इसमें हाईटेक RFID चिप्स, AI और बायोमेट्रिक डेटा शामिल हैं, जो पासपोर्ट फ्रॉड को रोकने में मदद करेंगे।

भारत ने अपने पासपोर्ट सिस्टम में सुधार करते हुए अगली पीढ़ी के ई-पासपोर्ट का रोल आउट शुरू कर दिया है। इनमें कटिंग एज सिक्योरिटी फीचर्स शामिल होंगे, जिससे पहचान की प्रक्रिया और भी तेज और सुरक्षित हो जाएगी। इसमें इंटरलॉकिंग माइक्रोलेटर्स, रिलीफ टिंट्स, और RFID चिप्स लगी होगी। इस चिप में पासपोर्ट धारक का एन्क्रिप्टेड बायोमेट्रिक डेटा और अन्य व्यक्तिगत जानकारी स्टोर की जाएगी। इस नए सिस्टम के तहत सभी नए पासपोर्ट अब ई-पासपोर्ट होंगे, जबकि पुराने नॉन-इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट अपनी वैधता समाप्त होने तक जारी रहेंगे। सरकार का लक्ष्य जून 2035 तक सभी पासपोर्ट को ई-पासपोर्ट में बदलने का है।

हाईटेक फीचर्स से बेहतर होगी सुरक्षा

ई-पासपोर्ट्स में इंटरलॉकिंग माइक्रोलेटर्स, रिलीफ टिंट्स, और RFID चिप्स लगाई जा रही हैं। यह RFID (Radio Frequency Identification) चिप पासपोर्ट धारक की एन्क्रिप्टेड बायोमेट्रिक जानकारी — जैसे कि फोटो, फिंगरप्रिंट्स और अन्य व्यक्तिगत डेटा को स्टोर करती है। यह सारी जानकारी डिजिटली साइन की हुई होगी और अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के मानकों के अनुरूप रहेगी। इससे पासपोर्ट की जालसाजी और फर्जीवाड़े की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी।

तेज़ और कॉन्टैक्टलेस वेरिफिकेशन

RFID चिप्स की मदद से इमिग्रेशन काउंटर पर अब डेटा कॉन्टैक्टलेस तरीके से पढ़ा जा सकेगा। यानी पासपोर्ट को स्कैनर पर रखने की जरूरत नहीं होगी , मशीनें चिप से डेटा अपने आप पढ़ लेंगी। इससे पहचान सत्यापन की प्रक्रिया तेज़ होगी और यात्रा के दौरान इंतज़ार का समय घटेगा।

सभी नए पासपोर्ट होंगे ई-पासपोर्ट

विदेश मंत्रालय (MEA) के मुताबिक, अब से जारी किए जाने वाले सभी नए पासपोर्ट ई-पासपोर्ट होंगे, जबकि पुराने नॉन-इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट उनकी वैधता खत्म होने तक मान्य रहेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि जून 2035 तक भारत में 100% ई-पासपोर्ट सिस्टम लागू हो जाए। अब तक भारत में 80 लाख ई-पासपोर्ट जारी किए जा चुके हैं, जबकि विदेशों में भारतीय मिशनों के जरिए 60,000 से ज्यादा पासपोर्ट दिए गए हैं।

AI और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस पासपोर्ट सेवा 2.0

सरकार ने मई 2025 में पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0 (Passport Seva Programme 2.0) शुरू किया था, जो अब देशभर में लागू हो चुका है।इसमें AI-आधारित चैट और वॉयस बॉट्स आवेदन में मदद के लिए, ऑनलाइन दस्तावेज़ अपलोड और ऑटो-फिल फॉर्म की सुविधा, UPI और QR कोड के जरिए डिजिटल पेमेंट और फेस रिकग्निशन और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के साथ DigiLocker, Aadhaar और PAN से सीधा दस्तावेज़ सत्यापन की सुविधा शामिल हैं।

RPA और डेटा एनालिटिक्स से तेज़ प्रोसेसिंग

नए सिस्टम में Robotic Process Automation (RPA) का इस्तेमाल किया गया है, जिससे दस्तावेज़ सत्यापन का समय काफी घट गया है। साथ ही, AI-आधारित अलर्ट सिस्टम और डेटा एनालिटिक्स सुरक्षा को और मजबूत करते हैं। इस सिस्टम के तहत देश में 37 क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (RPOs), 93 पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSKs) और 451 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSKs) काम कर रहे हैं।

विदेशों में भी GPSP 2.0 शुरू

28 अक्टूबर 2025 को विदेश मंत्रालय ने ग्लोबल पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम (GPSP) 2.0 लॉन्च किया, जिससे भारतीय दूतावासों और मिशनों में पासपोर्ट सेवाओं को बेहतर बनाया गया है। अब भारतीय नागरिक दुनिया के किसी भी कोने से अपने पासपोर्ट से जुड़ी सेवाएं तेज़ी से प्राप्त कर सकते हैं।

17 भाषाओं में नेशनल कॉल सेंटर और मोबाइल वैन सेवा

नागरिकों की मदद के लिए एक नेशनल कॉल सेंटर शुरू किया गया है, जो 17 भाषाओं में सहायता प्रदान करता है। साथ ही, दूर-दराज़ के इलाकों में लोगों तक सेवा पहुंचाने के लिए मोबाइल पासपोर्ट सेवा वैन भी शुरू की गई है। वर्तमान में देश के 543 लोकसभा क्षेत्रों में से केवल 32 में पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK या POPSK) नहीं हैं, जिन्हें अगले छह महीनों में कवर करने की योजना है।

क्या बदलेगा आम नागरिकों के लिए

  • पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया होगी और तेज़
  • फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम
  • दस्तावेज़ अपलोड और भुगतान होगा पूरी तरह ऑनलाइन
  • इमिग्रेशन जांच में कम होगा इंतज़ार
  • हर भारतीय को मिलेगा स्मार्ट और सुरक्षित पासपोर्ट


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